भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर नए प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। सेना में करीब 80 हजार पदों पर नियमित भर्ती नहीं होगी। इन पदों पर संविदा के जरिए भर्ती की जाएगी।
पिछले साल तीनों भारतीय सेनाओं में अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती शुरू हुई। सेना में नियमित भर्ती की जगह अग्निवीर के तौर भर्ती को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ। हरियाणा , उत्तर प्रदेश , बिहार और आंध्र प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में युवाओं और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए। इसी बीच अब सेना में नियमित भर्ती प्रकिया को लेकर नया प्रस्ताव आने वाला है। जिसके तहत ट्रेड्समैन पदों पर नियमित भर्ती न करके ठेके पर भर्ती की जा सकती है। इन पदों पर टेंडर निकालकर सेवाएं ली जाएंगी। इससे भारतीय सेना में करीब अस्सी हजार नियमित पदों की कमी हो जाएगी।
2 साल तक नहीं हुई भर्ती
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, सेना का वेतन और पेंशन का बजट लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में उसे सिमित रखने के लिए इस प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। सेना के एक अधिकारी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के समय में भारतीय सेना में करीब दो साल तक कोई भर्ती नहीं हुई है। जिसके कारण सेना में 1.20 सैनिक कम हो गए हैं। इसके अलावा पिछले साल तीनों सेनाओं में 40000 अग्निवीरों की भर्ती की गई। जिनकी ट्रैनिग शुरू हो चुकी है। इस तरह से बजट में कटौती की कोशिश की जा रही है।
ट्रेड्समैन पदों पर भर्ती
सेना के सूत्रों के अनुसार साल 2032 तक आर्मी में आधे सैनिक अग्निवीर हो जाएंगे। जिससे जवानों की औसत आयु 32 से घटकर 24 तक रह जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इससे दो फायदे होंगे। सैनिकों की औसत उम्र कम हो जाएगी और तकनीक समझने वाले युवा सेना को मिल जाएंगे। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में सेना के सूत्र के हवाले से कहा गया कि सेना में कूक , सफाईवाला , बार्बर और धोबी जैसे पदों पर मेनपॉवर घटाई जा सकती है। जिनकी संख्या करीब 80 हजार है।