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दिल्ली में सीएम केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी जीएनसीटीडी बिल को मंजूरी

दिल्ली में चुनी हुई सरकार की तुलना में उपराज्यपाल को ज्यादा शक्तियां देने वाले विवादित बिल GNCTD को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार के दिन मंजूरी दे दी है ।

दिल्ली में चुनी हुई सरकार की तुलना में उपराज्यपाल को ज्यादा शक्तियां देने वाले विवादित बिल GNCTD को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार के दिन मंजूरी दे दी है ।

जीएनसीटीडी बिल पास होने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार का मतलब उपराज्यपाल है और सरकार को किसी भी तरह के फैसले लेने से पहले एलजी की राय लेनी होगी ।

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन विधेयक (GNCTD) को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच चल रहे सियासी घमासान के बीच रविवार के दिन इस बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरी झंडी दे दी है। जिसके बाद चुनी  ही सरकार की तुलना में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि उपराज्यपाल को ज्यादा शक्तियां प्रदान करने वाले इस बिल को मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ है वह कानून बन गया है । केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बात की घोषणा करेगा कि यह कानून कब से लागू किया जाएगा।

देश की राजधानी दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सहित कांग्रेसी अन्य विपक्षी दलों के वॉकआउट के बीच राज्यसभा में इस बिल का बुधवार को विरोध किया था।  विरोध के बावजूद यह बिल पारित हुआ था। इस बिल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। AAP पहली बार 2013 में सत्ता में प्रचंड बहुमत के साथ आई थी। जिसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल और सरकार के बीच कई बार टकराव देखने को मिला है।

पिछले दिनों पिछले दिनों राज्यसभा में इस बिल को ध्वनि मत से पारित किया गया था। जब सरकार ने इस बिल को विचार के लिए सदन में रखा तो पक्ष ने मत विभाजन की मांग की। वोटिंग के दौरान 83 सदस्य बिल के पक्ष में थे जबकि 45 सदस्य विरोध में थे।

इस बिल का विरोध कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना , वाईएसआर कांग्रेस , अकाली दल समेत कई विपक्षी दलों ने किया था। दिल्ली की आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता इस बिल को स्वीकार नहीं करेगी और किसानों के विरोध प्रदर्शन की तरह इसका भी विरोध होगा।

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