SIT प्रमुख श्रीनगर पुलिस उपमहानिरीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि जिस समय सुरक्षा बलों ने अभियान शुरू किया था उस समय अल्ताफ भट्ट और डॉक् isटर मुदासीर गुल ने स्वेच्छा से बिल्डिंग की तलाशी में मदद की थी। इमारत के मालिक मुदासीर गुल ने यह नहीं बताया था कि अंदर आतंकवादी छिपे हुए हैं।
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के हैदरपुरा में पिछले महीने हुए आर्मी और आतंकवादियों के एनकाउंटर की जांच पूरी हो गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने सुरक्षाबलों को क्लीन चिट दे दिया है। एसआईटी ने जांच में निष्कर्ष निकाला है कि 2 नागरिकों जिनमें एक डॉक्टर और एक बिजनेसमैन को या तो आतंकवादियों द्वारा मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था या उन्हें आतंकवादियों ने मार दिया था ।
आतंकवादियों को दे रहे थे पनाह
सीट ने पहले कहा था कि डॉक्टर मुदासीर गुल और बिजनेसमैन अल्ताफ और दोनों ही आतंकवादियों को पनाह दे रहे थे या व्यवसायिक परिसर में आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी छुपा रहे थे। यहां 15 नवंबर 2021 को आर्मी और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। यह बिल्डिंग अल्ताफ फट की थी।
अमीर मार्गे था आतंकी का सहयोगी
श्रीनगर पुलिस के अनुसार मुठभेड़ के दौरान एक विदेशी आतंकी समेत 4 लोग मारे गए थे। एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिवारों का आरोप है कि यह एक योजनाबद्ध मुठभेड़ में मारे गए तीन नागरिकों को सुरक्षा बलों में मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था। दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि तीसरा स्थानीय नागरिक अमीर मार्गे जो डॉक्टर मुदासीर गुल के दफ्तर में काम करता था, मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी का करीबी सहयोगी था।
एनकाउंटर की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व श्रीनगर पुलिस उपमहानिरीक्षक सुजीत कुमार कर रहे हैं। DIGP कुमार ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने हैदरपोरा एनकाउंटर का नेतृत्व किया था और एसआईटी की जांच का नेतृत्व करना हितों का टकराव है। कुमार ने कहा,” शायद विदेशी आतंकवादियों को बाहर से निर्देश मिला हो कि एनकाउंटर के पीछे डॉक्टर मुदासीर का हाथ हो और इसी शक में उन लोगों ने डॉक्टर गुल को मार दिया। ”
सीट प्रमुख ने कहा कि डॉ मुदासीर को मारने के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश करते हुए अल्ताफ को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। एनकाउंटर में अल्ताफ भट्ट को एक गोली लगी थी। उसका शव अमीर मार्गे के साथ बिल्डिंग की छत पर मिला था ।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच के निष्कर्षों को सार्वजनिक कर दिया है। एसआईटी ने सरकार के आदेशों से हुई मजिस्ट्रेट जांच को सार्वजनिक नहीं किया है। पुलिस महा निरीक्षक विजय कुमार ने कहा यह अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जांच को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट पहले ही न्यायिक जांच मजिस्ट्रेट को भेज दी गई है।