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सुनीता विलियम्स बनीं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमांडर, रूसी अंतरिक्ष यात्री कोनोनेंको ने पृथ्वी पर लौटने से पहले सौंपी चाबी

Sunita Williams in International Space Station

Sunita Williams and Oleg Kononenko

Sunita Williams ने रविवार को International Space Station की कमान संभाल ली है। सुनीता विलियम्स को रुसी अंतरिक्ष यात्री Oleg Kononenko ने पृथ्वी पर वापस लौटने से पहले कमान सौंप दी है।

Sunita Williams बनीं International Space Station की कमांडर

भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमान संभाल ली है। नासा एस्ट्रोनॉट को रूस के अंतरिक्ष यात्री ( Roscosmos astronaut) ओलेग कोनोनेंको ने ( Oleg Kononenko ) रविवार को पृथ्वी पर वापस लौटने से पहले ISS की कमान सौंपी।

अंतरिक्ष केंद्र द्वारा एक्स पर दी गई जानकारी के अनुसार, “सुनीता विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कमांडर बन गई हैं। उन्हें
रूसी अंतरिक्ष यात्री कोनोनेंको ने पृथ्वी पर लौटने से पहले चाबियां सौंपीं। रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको ने रविवार को सुबह 10:15 बजे ET पर स्टेशन की कमान नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को सौंपी। कोनोनेंको नासा के अंतरिक्ष यात्री ट्रेसी सी. डायसन और अंतरिक्ष यात्री निकोलाई चूब के साथ सोमवार को पृथ्वी पर लौट आए हैं। “ ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें 

International Space Station पर एक साल बिताने के बाद वापस लौटे कोनोनेंको

ओलेग कोनोनेंको पिछले लगभग एक साल से अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर रह रहे थे। वह सोमवार को अपने दो साथियों समेत पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं। कोनोनेंको नासा के अंतरिक्ष यात्री ट्रेसी सी. डायसन और अंतरिक्ष यात्री निकोलाई चूब के साथ के धरती पर लौटे।

Sunita Williams अब International Space Station पर करेंगी ये काम

NASA अंतरिक्ष यात्री और अब अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र की कमांडर, सुनीता विलियम्स ISS पर रहते हुए वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने और भविष्य के इंसानी, रोबोट एक्सप्लोरेशन मिशन के लिए नई तकनीक के साथ ISS की माइकोग्रेविटी प्रयोगशाला में काम कर रही हैं।

बता दें, सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मॉर इसी साल अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 8 दिन के मिशन पर गए थे। लेकिन अब उन्हें लगभग 8 महीने तक स्पेस स्टेशन में रहना होगा। क्योंकि जिस बोइंग स्टारलाइनर से सुनीता और बुच इंटरेनशनल स्पेस स्टेशन पर गए थे, उस स्पेसक्राफ्ट में वापसी से पहले नासा ने तकनीकी गड़बड़ी देखी।

नासा ने आशंका जताई थी कि अगर बोइंग स्टारलाइनर द्वारा सुनीता और और बुच को वापस लाने की कोशिश की जाती है तो यह अंतरिक्ष में ही ब्लास्ट हो सकता था। हालांकि, स्टारलाइनर बिना अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर वापस लौट आया है। अब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए नासा दूसरा मिशन लॉन्च करेगा। सुनीता और विल्मॉर अगले साल फरवरी महीने में धरती पर वापस लौट सकते हैं।

Sunita Williams ने दूसरी बार संभाली International Space Station की कमान

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय मूल की नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की कमान सभली है। इससे फहले भी सुनीता विलियम्स ISS की कमांडर रह चुकी हैं। उन्होंने पहली बार 12 साल पहले अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र की कमान संभाली थी।

International Space Station की कमान मिलने के बाद क्या बोलीं  Sunita Williams

अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र की कमान संभालने के बाद सुनीता विलियम्स ने कहा,” मिशन 71 ने हमे बहुत कुछ सिखाया है। मुझे और विल्मॉर बुच को अपनाया है। भले ही हंम इस मिशन के प्लान का हिस्सा नहीं थे, लेकिन परिवार की तरह हमारा स्वागत हुआ। ”

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कैसा होता है International Space Station ?

International Space Station अंतरिक्ष में एक छोटे शहर की तरह है। नासा का ISS पिछले 25 वर्षों से अंतरिक्ष में विचरण कर रहा है। अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र का वजन 420 टन के करीब है। इसकी अनुमानित लागत 151 बिलियन डॉलर से अधिक है। यह 109 मीटर लंबा है। इसका आकार फुटबॉल ग्राउंड की तरह है। 25 वर्ष पहले अमेरिका की नासा एजेंसी ने इसे लॉन्च किया था। अंतरिक्ष केंद्र पर अमेरिका ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के एस्ट्रोनॉट्स भी जाते रहते हैं।

न्यूज़ इनपुट और फोटो क्रेडिट: International Space Station

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