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जेलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिए कैदियों को रिहा करने का आदेश 

जेलों में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज जेलों में भीड़ कम करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारे NALSA (नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) के नियमो के तहत नए कैदियों की रिहाई पर विचार करे ।

जेलों में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज जेलों में भीड़ कम करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारे NALSA (नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) के नियमो के तहत नए कैदियों की रिहाई पर विचार करे ।

देश में कोरोना के कारण भयंकर स्थिति बनी हुई है। कोरोना का असर जेलों में भी देखने को मिल रहा है। अपने सामर्थ्य से अधिक भरी हुई जेलों में कैदी और स्टाफ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने केदियो को रिहा करने का आदेश दिया है ।

कोर्ट ने पिछले वर्ष केदियो की रिहाई के लिए उचाधिकार प्राप्त कमिटी (HPC) बनाई थी। इन कमिटी को कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है कि कमिटियों द्वारा पिछले वर्ष जिन कैदियों को जमानत पर छोड़ा था ।उन्हें इस बार भी उन्हें यह   राहत दी जाए। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कैदी जो छोटे अपराधों के कारण जेलों में हैं उन्हें भी पेरोल पर रिहा कर दिया जाए।

दरअसल चीफ जस्टिस एनवी  रमणा और सूर्यकान्त की एक बैंच को बताया गया की जेलों में पुराने कैदियों के वापिस आ जाने से बहुत भीड़ बढ़ गयी है और बहुत से कैदी और कर्मचारी लगातार कोरोना से संकर्मित पाए जा रहे है। कोर्ट जल्द से जल्द इस बारे में कोई आदेश दे।

आज कोर्ट ने अपना आदेश दे दिया है । अदालत ने कहा “जिन कैदियों को पहले हमारे आदेशों पर पैरोल दी गयी है उन्हें भी कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए 90 दिन की रिहाई दी जाए ” अन्य कैदियों को रिहा करने के लिए राज्यों में बनाई गयी उचाधिकार प्राप्त कमेटिया पिछले वर्ष के दिशा निर्देशों और नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के नियमों का पालन करे।”

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