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बेरोजगारी की मार : सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक युवक बना मोची

जून 20, 2022 | by

Unemployment hit: Civil engineering graduate youth becomes cobbler

देश में बेरोजगारी की सीमा चरम पर है। पढ़े-लिखे युवा नौकरी की तलाश में दरबदर भटक रहे हैं। भारत में कई नौजवानों ने तो आर्थिक तंगी और नौकरी न मिलने के कारण आत्मह्या तक कर ली है।

हाल ही में हरियाणा के एक युवक ने सेना में नौकरी न मिलने के कारण आत्महत्या की है। ऐसे अनेकों मामले हर रोज देखने को मिल रहे हैं। आर्थिक परेशानियों और सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरी न मिलने के कारण युवक गलत कदम उठा रहे हैं। इन सब से इतर, तमिलनाडु के एक युवक ने नौकरी न मिलने के कारण जूता सिलाई का काम शुरू किया है। जिससे वह अपना और अपने परिवार का पालन पौषण करने की कोशिश कर रहा है।

देश में नौकरियों का अकाल

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कार्तिक ए नाम के एक युवक ने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी न मिलने के कारण जूता सिलाई का काम शुरू किया है। कार्तिक ने बताया कि मुझे चार-पांच हजार की प्राइवेट नौकरी मिल रही थी लेकिन वह मेरे परिवार का खर्चा चलाने के लिए काफी नहीं थी। इसलिए मैंने जूता सिलाई का काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि यह व्यवसाय उनके पिता का है।

सिविल इंजीनियर बना मोची

कार्तिक ने बताया ,” मैं सिविल इंजीनियर हूं। मुझे 4-5 हजार रूपये की नौकरी मिली थी। लेकिन वह काफी नहीं थी। इसी वजह से मैंने अपने पिता के व्यवसाय को करने का फैसला किया। अगर सरकार मुझे सरकारी नौकरी देती है तो इससे मुझे काफी मदद मिलेगी। ”

अग्निपथ भर्ती योजना

बता दें, हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने अगले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया है। जिसके बाद सेना में अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की गई। सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने आर्मी में अग्निपथ भर्ती योजना के तहत इस साल तीनों सेनाओं में 46 हजार अग्निवीर को नौकरी दी जाएगी। अग्निवीरों को सेनाओं में चार साल की सेवा करने का अवसर मिलेगा। चार साल तक सेना में सेवा देने वाले अग्निवीरों का रिटायरमेंट के बाद क्या भविष्य होगा ? इस बारे में कहना मुश्किल है।

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