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5 राफेल जेट का पहला जत्था फ्रांस से रवाना हो चूका है,बुधवार को भारत के अंबाला में लैंड करेंगे

फ्रांस से पांच राफेल जेट लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत के लिए उड़ान भर चूका है। भारत चीन विवाद के बीच जरूरत पड़ने पर राफेल विमानों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

फ्रांस से पांच राफेल जेट लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत के लिए उड़ान भर चूका है। भारत चीन विवाद के बीच जरूरत पड़ने पर राफेल विमानों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारतीय वायु सेना के लिए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत 36 राफेल जेट विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लगभग चार साल बाद बुधवार को लड़ाकू विमान अंबाला वायुसेना स्टेशन पर पहुंचने वाले हैं।

दरअसल आज सोमवार के दिन पांच राफेल विमानों ने फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भर दी है। ये विमान ,29 जुलाई 2020 को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे। राफेल विमानों को अगले महीने भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। जेट फ्रांस टेक ऑफ हो चुके हैं। 10 घंटे का सफर तय करने के बाद यूनाइटेड अरब एमिरात में फ्रांस के एयरबेस अल धफरा पर लैंड करेंगे। यूएई से ईंधन भरने के बाद अंबाला के लिए उड़ान भरेंगे।

राफेल जेट विमान फ्रांस के Merignac से करीब 7000 किलोमीटर की दुरी तय करने के बाद बुधवार के दिन अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर उतरेंगे। राफेल विमानों को अगले महीने विधिवत रूप से भारतीय वायुसेना के बेड़े  शामिल किया जाएगा।

ये विमान भारतीय वायुसेना के 17 गोल्डन एरो का हिस्सा बनेगें। जैसा की भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में विवाद चल रहा है, को देखते हुए राफेल लड़ाकू विमानों को अगले हफ्ते लद्दाख में तैनात भी किया जा सकता है।

फाइटर जेट की विशेषता ये है कि इसमें मिटोर एयर टू एयर मिसाइल सुसज्जित है ,जिसकी क्षमता 150 किलोमीटर तक की है। यह बिना बॉर्डर पार किए दुश्मन के विमान को ध्वस्त कर सकता है। राफेल में दूसरा मिसाइल स्काल्प है। जिसकी मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक की है।

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