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अपनी मां की हत्या कर उसके अंगों को फ्राई कर खाने वाले शख्स को फांसी की सजा

जुलाई 13, 2021 | by

Man sentenced to death for killing his mother and eating her organs

महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक शख्स ने अपनी मां की हत्या कर उसके अंगों को फ्राई कर खाने के लिए दोषी ठहराया गया है और उसे मौत की सजा सुनाई गई है।

पश्चिम भारत के कोल्हापुर में एक व्यक्ति को अपनी मां की हत्या करने के बाद उसके अंगों को भूनकर खाने इरादे के लिए दोषी ठहराया गया है और उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। सुनील रमा कुचकोरवी ने कथित रूप से 80 लाख की आबादी वाले शहर में दहशत फैला दी है। शहर के लोग इस घटना को सुनकर सदमे की स्थिति में है।

फ्राई का थाली में रखा दिल

वॉइस इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक आठ वर्षीय पड़ोसी ने 28 अगस्त, 2017 को अपनी मां के शरीर के बगल में खून से लथपथ कुचकोरवी देखा , जिसने शहर को सतर्क कर दिया था। माँ यल्लव, नग्न अवस्था में थीं और उनका कलेजा, आंतें और हृदय छिन्न-भिन्न अवस्था में पड़ा था । मृतक औरत के दिल का हिस्सा एक थाली में फ्राई किया हुआ रखा था। जबकि उसकी पसली का एक हिस्सा तेल की बोतल में मिर्च पाउडर और नमक लगाकर रखा हुआ था।

कोर्ट ने सजा सुनाते वक्त आदेश में कहा घटना के बाद आरोपी ने अपनी मां के दिल और पसली को खाने के इरादे के लिए रखा था। 35 वर्षीय आरोपी ने साक्ष्यों से छुटकारा पाने के लिए योजना बनाई थी।

अदालत ने बताया दुर्लभतम मामला 

स्थानीय अदालत के जज ने इसे दुर्लभ से दुर्लभतम मामला करार दिया है । अदालत ने कहा- अपराध का एक विवादास्पद मानदंड और जो मौत की सजा के योग्य है।

इन देशों में दी जाती है फांसी 

गौरतलब है कि भारत उन 56 देशों में से एक है जहां अपराधी को मृत्युदंड दिया जाता है।  इन देशों की सूची में भारत के अलावा चीन सऊदी अरब अमेरिका सिंगापुर जैसे कई देश शामिल हैं। जबकि 142 अन्य देशों ने इस कानून को खत्म कर दिया है। साल 2000 के बाद से भारत में अब तक आठ अपराधियों को फांसी हो चुकी हैं और 404 अपराधी वर्तमान में मौत की सजा पर जेल में बंद है।

8 जुलाई को स्थानीय अदालत ने सुनील रमा कुचकोरवी को भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत हत्या का दोषी पाया और उसे मौत की सजा सुनाई । यह मामला मुंबई के हाई कोर्ट द्वारा पुष्टि के अधीन है।

सुनील रमा कुचकोरवी मामले पर फॉरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के निजी अंगों पर दो जो तेज जख्म थे । कोर्ट ने कहा कि बिना किसी दर्द या दया के अपनी मां को कपड़े उतारने उसे घातक चोट पहुंचाने का कार्य मातृत्व का अंतिम अपमान है और बड़े पैमाने पर समाज के खिलाफ है। न्यूज़ और फोटो क्रेडिट viceindia 

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