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सबसे कम उम्र में आईपीएस से लेकर जज तक बनें हैं ये लोग,जानिए इनकी सफलता की कहानी

22 साल के सफीन हसन जो देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी हैं से लेकर 21 वर्षीय मयंक प्रताप सिंह जो सबसे कम उम्र में जज बने हैं ,ऐसे लोगों कहानियां देश भर के लोगों को प्रेरित करती हैं।

22 साल के सफीन हसन जो देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी हैं।

22 साल के सफीन हसन जो देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी हैं से लेकर 21 वर्षीय मयंक प्रताप सिंह जो सबसे कम उम्र में जज बने हैं ,ऐसे लोगों कहानियां देश भर के लोगों को प्रेरित करती हैं।

22 साल के देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी जो 23 दिसंबर को सहायक पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालेंगे। देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी बनने के उनका सफर आसान नहीं था। उनका बचपन बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। सफीन में मां ने बेटे की पढ़ाई के लिए रेस्टोरेंट से लेकर शादियों तक में रोटियां बनाने का काम किया।

गुजरात के राजकोट में रहने वाले सफीन हसन 23 दिसंबर को नया इतिहास रचने जा रहे हैं। वह देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारी होंगे। सफीन की माता का नाम नसीम व पिता का नाम मुस्तफा है। सफीन हसन 23 दिसंबर को जामनगर के जिला पुलिस उपाधीक्षक का पदभार संभालेंगे। गुजरात के ‘बनासकांठा’ के एक छोटे से गांव ‘कनौदर’ में प्राथमिक शिक्षा के बाद सफीन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई सूरत में की है।

मयंक प्रताप सिंह भारत के सबसे कम उम्र के जज हैं।

21 साल के मयंक प्रताप सिंह भारत के सबसे कम उम्र के जज बनने वाले शख्स हैं। मयंक प्रताप सिंह राजस्थान के जयपुर शहर से हैं। मयंक ने न्यायिक सेवा परीक्षा साल 2018 में पास की थी। आपको बता दें, साल 2018 तक न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने की उम्र कम से कम 23 साल थी ,जिसको इस साल राजस्थान हाई कोर्ट ने घटाकर 21 साल कर दिया है।

‘मयंक प्रताप सिंह‘ हमेशा न्यायिक सेवाओं और समाज में न्यायाधीशों को मिलने वाले सम्मान के प्रति हमेशा आकर्षित रहे हैं। मयंक ने साल 2014 में राजस्थान यूनिवर्सिटी में एलएलबी के 5 साल के कोर्स में दाखिला लिए था जो इसी साल खत्म हुआ है।

कनिष्क कटारिया की कहानी

‘यूपीएससी सिविल सर्विसिज’ में टॉप करने वाले कनिष्क कटारिया की कहानी बहुत दिलचस्प है।विदेश में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी करने वाले कनिष्क कटारिया ने कभी सोचा भी नहीं होगा की उन्हें पहली रैंक हासिल होगी। कनिष्क ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हुआ है।कनिष्क ने सॉउथ कोरिया में एक करोड़ रुपए के पैकेज पर नौकरी की है। कनिष्क कटारिया की कहानी देश के कई युवाओं को प्रेरित करती है।

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