BRAIN virus: दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस पाकिस्तान के दो भाइयों ने मिलकर बनाया था। जिसका नाम BRAIN रखा गया था। यह वायरस बहुत खतरनाक था। इसका कोई तोड़ नहीं था।
एक जमाना था जब सभी काम हाथ से हुआ करते थे। फिर आया कंप्यूटर। कंप्यूटर क्रांति आने के बाद दुनिया भर में काम करना और भी ज्यादा आसान हुआ। कंप्यूटर एक ऐसा डिवाइस है जिसने इंसान की जिंदगी को आसान बना दिया है। जो काम पहले हाथ से करने में घंटों लग जाते वही काम अब कंप्यूटर द्वारा मिनटों में करना संभव हो गया है। टेक्नोलॉजी बदलाव लाती है। लेकिन इसके साथ कई खतरे भी पैदा होते हैं। कंप्यूटर में वायरस का आना बहुत खतरनाक हो सकता है। यह पुरे डेटा को तहस नहस कर सकता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि ये वायरस कहां से आया और किसने बनाया। यहां, हम बता रहे हैं कि पहला कंप्यूटर वायरस कब, कहां और किसने बनाया।
दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस बनाने वाले पाकिस्तान के दो भाई थे। जिनके नाम बासित फारुख अल्वी और अमजद फारुख अल्वी थे। जिस समय ये दोनों भाई बेरोजगार थे उस समय इन्होने कंप्यूटर कोडिंग सीखना शुरू किया था। उनके पास खुद का कंप्यूटर नहीं था। इसलिए दोनों साइबर कैफे में जाकर कोडिंग का काम करते थे। कोडिंग से उन्हें अच्छे पैसे मिलने लगे और सॉफ्टवेयर बेचना शुरू कर दिए। इसके बाद उन्होंने कम्प्यूटर वायरस बनाया। जिसका नाम ब्रेन रखा गया।
MS DOS पर हमला करने वाला वायरस ब्रेन था। जिसे इन्ही दो भाइयों ने 19 जनवरी 1986 को बनाया था। ब्रेन वायरस ने फाइल सिस्टम और बूट सेक्टर को इन्फेक्टेड कर दिया था।
जब बासित और अमजद सॉफ्टवेयर बेच रहे थे तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग उनके सॉफ्टवेयर की पाइरेटेड कॉपी बेच रहे थे। उन्होंने इसी पर नजर रखने के लिए ब्रेन वायरस बनाया। हालांकि, दोनों भाइयों का दावा था कि यह वायरस खतरनाक नहीं है , यह सिर्फ कॉपी राइट मैसेज दिखाता है और फ्लॉपी ड्राइव का नाम बदली करता है। लेकिन कई लोगों ने बताया कि ब्रेन वायरस के कारण उनका कंप्यूटर डाटा डिलीट हो गया था।
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