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कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। एसकेएम ने सभी विपक्षी दलों से बंद का समर्थन करने के लिए अपील की है।

संयुक्त मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को पूरे भारत को बंद रखने का आह्वान किया है। 40 किसान संगठनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के सभी लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है। मोर्चे की तरफ से सभी विपक्षी दलों, राज्य सरकारों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की गई है।

27 सितंबर को भारत बंद 

भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता बंदोबस्त कर लिए गए हैं। पिछले 10 महीने से जारी आंदोलन के 10 महीने पूरे होने और 11 वे महीने में प्रवेश करने पर संयुक्त मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने विपक्षी दलों से कहा कि वे लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को बचाए रखने के लिए उनकी लड़ाई में हिस्सा लें। जिसके बाद से किसान मोर्चा के भारत बंद का कई राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है। बिहार विधानसभा में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भारत बंद में शामिल होने की घोषणा की है। वही, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। साथ में किसान मोर्चा ने यह भी कहा है कि उनकी नीति है कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ किसान मोर्चा मंच साझा नहीं करेगा। कुछ संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।

दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

दूसरी तरफ देश की राजधानी में भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को भी दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

बंद का समय

किसान मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक किया गया है। इस दौरान आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्यो, खाद्य सामग्री, निजी एमरजैंसी वाले लोगों को छूट दी जाएगी। वही इस दौरान सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तर बंद रहेंगे। शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकाने उद्योग, व्यवसायिक संस्थान भी बंद रहेंगे।

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