Vikas Dubey case:उत्तर प्रदेश के कानपूर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने हैरानी जताई है। उन्होंने इसको सिस्टम की विफलता बताया है।
Vikas Dubey एनकाउंटर पर SC सख्त नाराज
सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे मामले में सुनवाई हुई। केस की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एसए बोबडे ने यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए इसे सिस्टम की विफलता बताया। उन्होंने हैदराबाद एनकाउंटर और कानपूर एनकाउंटर में बहुत अंतर बताया।
Vikas Dubey केस
CJI ने कहा ‘ हैदराबाद और कानपूर एनकाउंटर में बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे ,विकास दुबे और उसके सहयोगी पुलिस कर्मियों के हत्यारे थे। ” कोर्ट ने विकास दुबे पर इतने संगीन अपराध दर्ज होने के बाद जमानत मिलने पर हैरानी जताई।
Vikas Dubey कोर्ट का रुख
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने एसजी से कहा ,” विकास दुबे के खिलाफ मुकद्दमों के बारे में बताएं। तेलंगाना वाले मामले में ये बिल्कुल साफ है कि आरोपी बिना हथियार के थे। ”
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उन्होंने यूपी सरकार को कहा कि राज्य सरकार के रूप में वो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके लिए एक ट्रायल होना चाहिए था।
Vikas Dubey मुठभेड़ पर एसजी की दलील
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को बताते हुए कहा हैं कि यह अकेली घटना नहीं है जो दांव पर है बल्कि पूरा सिस्टम पूरा सिस्टम ही दांव पर है। इस केस में गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। उसके बाद ट्रायल और सजा।
Vikas Dubey एनकाउंटर पर SC का सुझाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बता या कि वह 22 जुलाई को मसौदा अधिसूचना प्रस्तुत करेगी, जिसमें पूछताछ पैनल में सुझाए गए बदलावों के संबंध में बताया जाएगा।