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कंप्यूटर का कीबोर्ड ABCD की जगह QWERTY फॉर्मेट में क्यों होता है ? जानिए रोचक जानकारी

कंप्यूटर या लैपटॉप के कीबोर्ड का पैटर्न हमेशा QWERTY लेटर्स में होता है। इस पैटर्न को अरेंज करने के पीछे एक खास वजह है। कीबोर्ड के इस पैटर्न के बारे में शायद ही बहुत कम लोग जानते होंगे। चलिए,आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

कंप्यूटर या लैपटॉप के कीबोर्ड का पैटर्न हमेशा QWERTY लेटर्स में होता है। इस पैटर्न को अरेंज करने के पीछे एक खास वजह है। कीबोर्ड के इस पैटर्न के बारे में शायद ही बहुत कम लोग जानते होंगे। चलिए,आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

आज के दौर में मोबाइल , कंप्यूटर और लैपटॉप का चलन बहुत बढ़ गया है। हर सरकारी या निजी काम इन तीनों उपकरणों के बिना करना असंभव सा है। आपने टाइपिंग तो बहुत की होगी लेकिन कभी ये जानने की कोशिश नहीं की होगी कि कीबोर्ड QWERTY फॉर्मेट में क्यों होता है।

QWERTY पैटर्न

लैपटॉप ,कंप्यूटर या मोबाइल कीबोर्ड पर ABCD की जगह QWERTY पैटर्न में बटन देने के पीछे की वजह टाइपराइटर है। साल 1974 में पहला कमर्शियल टाइपराइटर आया था। जिस पर ABCD फॉर्मेट में कीबोर्ड होता था। ABCD पैटर्न के चलते टाइपिस्ट बहुत तेजी से टाइप करते थे। ये बात उन लोगों को जरूर पता होगी जिन्होंने टाइपराइटर पर टाइपिंग की है।

टाइपराइटर

स्टेनोग्राफी के कोर्स में भी टाइपराइटर पर ही टाइपिंग सिखाई जाती है। सभी बटन एक लाइन में होने के कारण टाइपिंग स्पीड बहुत ज्यादा होती थी। आमतोर पर टाइपिंग के समय इस्तेमाल होने वाले बटनों को बार बार स्पीड से दबाने के कारण बटन जाम हो जाते थे। यही वजह है कि PC के कीबोर्ड पर अल्फाबेटिकल आर्डर में लेटर्स नहीं होते हैं। QWERTY पैटर्न में बटन एक दूसरे से दूर होते हैं और स्पीड से टाइप करने पर जाम नहीं होते हैं।

आइए जानते हैं , कंप्यूटर पर टाइपिंग स्पीड बढ़ाने का साधारण फार्मूला

यदि आप कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं और आपकी टाइपिंग स्पीड नहीं बढ़ रही तो स्पीड बढ़ाने के लिए आप दिन चार पांच बार ‘ A BROWN FOX JUMP OVER THE LAZY DOG ‘ टाइपिंग कर स्पीड बढ़ा सकते हैं। ध्यान रहे टाइपिंग करते समय दोनों हाथों की उंगलियों का इस्तेमाल करें। स्पेस के लिए अंगूठे का इतेमाल करें। इससे आपकी टाइपिंग स्पीड बढ़ जाएगी।

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