भारतीय सेना के शहीद जवानों को PLA के टेंट हटाने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया ?
सोमवार की रात को इंडियन आर्मी और चीनी सेना के बीच झड़प हुई। जिसमें PLA के 43 सैनिक मारे गए। भारतीय सेना के भी 20 जवान शहीद हुए
एक भी गोली नहीं चली
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना और भारतीय सेना के सोमवार की दरम्यानी रात को गुथम-गुत्था फाइट हुई। इस झड़प में एक भी गोली नहीं चली और दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुक्सान हुआ। ये भी पढ़ें : भारतीय सेना का ऐसा अमर जवान जो शहीद होने के बाद भी रहता है ड्यूटी पर,मिलती है छुट्टी और प्रमोशन
PLA टेंट हटवाने गई थी भारतीय सेना
गलवान नदी के पास पीपल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) ने भारतीय क्षेत्र में अपने टेंट लगाए हुए थे। जिनको हटवाने के लिए भारतीय सेना की एक यूनिट के एक कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू सहित 35 जवान निहत्थे गए थे। इससे पहले 6 जून को दोनों देशों की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में इस टेंट को हटाने पर सहमति बनी थी। ये भी पढ़ें : मेजर अनूप मिश्रा ने भारतीय सेना के जवानों को स्नाइपर हमलों से बचाने के लिए बनाई बुलेटप्रूफ जैकेट
चीन के 45 सैनिक मरे
जब कर्नल संतोष बाबू और 35 जवानों की छोटी सी टुकड़ी गलवान नदी के पास लगे चीनी सेना के टेंट को हटवाने निहत्थी गई, तो पीएलए सैनिकों ने उन पर पत्थर डंडों और लोहे की रॉड के साथ हमला कर दिया। जिसका जवाब भारतीय सैनिकों ने भी उन्ही की भाषा में दिया। इस हैंड टू हैंड फाइट में चीनी सेना के 43 सैनिक मारे जाने और घायल होने की रिपोर्ट है। इसी दवंद युद्ध में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। ये भी पढ़ें :भारतीय सेना ने उड़ाई पाकिस्तान सेना की एक चौकी
सेना को निहत्था क्यों भेजा ?
अब बात आती है भारतीय जवानों को निहत्थे क्यों भेजा गया ? सर्वविदित है , पिछले लंबे समय से इंडो-चाइना के बीच तनाव चल रहा है। ऐसे में भारतीय सेना की टुकड़ी, चीनी सेना के टेंट हटवाने के लिए बिना हथियार के क्यों गई ? इसका जवाब है भारतीय राजनीतिक नेतृतत्व। जिसके बारे में भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी ने बताया कि कर्नल संतोष और उनकी टुकड़ी को पीएलए कैंप में निहत्थे जाने का आदेश CDS जनरल बिपिन रावत ने दिया था। ये भी पढ़ें : भारतीय सेना ने पाकिस्तान आर्मी के 5 आतंकी लॉन्च पैड किए ध्वस्त
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