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गवाह आजम खान का खुलासा,आईपीएस वंजारा ने करवाई थी हरेन पांडया की हत्या

गवाह आजम खान का खुलासा,आईपीएस वंजारा ने करवाई थी हरेन पांडया की हत्या

पत्रकार जगत के लोग इस शक्ल को जरूर पहचानते होंगे।जी हां ये हरेन पांड्या जोकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बहुत ही प्यारे थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे उस समय हरेन गृह मंत्री और मुख्यमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर के ताकतवर नेता थे।एक दिन हरेन पांड्या की सुरक्षा अचानक हट गई,वे सुबह की सैर पर गए और किसी ने उनको गोलियों से छलनी कर दिया।

वैसे तो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत के पीछे किस की साजिश थी का पूरा पता लगाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। लेकिन गुजरात में स्वयं की सरकार होते हुए नंबर दो की पोजिशन रखने वाले हरेन पांड्या की मौत पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?जबकि उनके पास सीबीआई,सीआईडी,नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी और तो और विश्व विख्यात डिटेक्टिव अजित डोभाल भी हैं। सवाल मत पूछियेगा वर्ना कई पत्रकार ना जाने क्यों मारे गए,कोई नहीं जानता।

हरेन पांड्या की मौत

लेकिन सवाल तो उठ चुका है।जेल में बंद एक गवाह का दावा है कि हरेन पंड्या की हत्या बदमाश सोहराबुद्दीन ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जी डी बंजारा के कहने पर की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,ततपश्चात गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन को उनकी बीवी कौसर बी के साथ उठा कर उनका एनकाउंटर करवा दिया।

सोहराबुद्दीन का दूसरा साथी तुलसी प्रजापति भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
आईपीएस अधिकारी वंजारा को उपरोक्त मामले में दोषी ठहराया गया और कई साल तक जेल में रहे।एक बार तो उन्होंने जेल से ही ब्यान दिया था कि मैं मोदी को भगवान के समान मानता था लेकिन उन्होंने मेरे साथ धोखा किया है।

अमित शाह

मौजूदा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इसी केस में जेल की सजा काटी और उन्हें गुजरात से अदालत द्वारा तड़ीपार किया गया।हालाँकि बीजेपी की सरकार आने के बाद अध्यक्ष महोदय को मुंबई कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है।

अब रही बात असल मुद्दे की, आखिर हत्या होने के बाद परिवार के सदस्य कैसे संतुष्ट हो सकते हैं? क्या कोई दबाव,लालच या फिर जान माफ़ी के डर?

सोहराबुद्दीन का भाई कह रहा है कि उन्हें अपनी जिंदगी में कोई फसाद नही चाहिए,मुझे जीने दो। सीबीआई अदालत के जस्टिस लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो जाती है वो भी ऐसे समय जब वो गुजरात कांड के दोषियों की सजा का ऐलान करने वाले थे।उनकी डॉ बहन ने कारवां पत्रिका को दिए गए इंटरव्यू में साफ़ साफ़ कहा है कि उनके भाई यानि जस्टिस बी एच लोया को साजिश के तहत मारा गया।दूसरी तरफ ऑन कैमरा यानि एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में जज लोया का बेटा कह रहा है कि इस मामले में उन्हें कोई जांच नही चाहिए।जब पिता जी मर गए हैं तो अपनी मौत ही मरे होंगे।

खुलासा: जहर से हुई थी सीबीआई जज बी एच लोया की मौत

ऐसी ही घटना लख़नऊ में दफ्तर से घर लौट रहे तिवारी जी को यूपी पुलिस की गोलियों का शिकार होना पड़ा। मौत की खबर सुनने के बाद तिवारी जी की पत्नी ने मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति असीम श्रद्धा और संतुष्टि जताई।योगी सरकार ने तिवारी जी की विधवा को तुरंत प्रभाव से क्लास वन ऑफिसर की नौकरी देकर उनकी श्रद्धा का फल दे दिया।

देश का माहौल ऐसा बनाया जा रहा,अगर कोई जुर्म या अपने हकों के लिए आवाज उठाता है या तो उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया जाता है या फिर किसी न किसी केस में फंसाकर जेल भेज दिया जाता है।

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