Site icon 4pillar.news

वन नेशन, वन वैक्सीन, वन रेट आज की सबसे बड़ी जरूरत:योगेश्वर शर्मा

आम आदमी पार्टी के नेता योगेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोनाकाल में भी केंद्र की भाजपा सरकार अपनी राजनीति करने से परहेज नहीं कर रही है ।

आम आदमी पार्टी के नेता योगेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोनाकाल में भी केंद्र की भाजपा सरकार अपनी राजनीति करने से परहेज नहीं कर रही है ।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि कोरोनाकाल में भी केंद्र की भाजपा सरकार अपनी राजनीति करने से परहेज नहीं कर रही। पार्टी का कहना है कि एक नेशन एक चुनाव की बात करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार कोरोना वैकसीन के दामों में अलग-अलग रेट क्यों अपना रही है। पार्टी का यह भी कहना है कि ऑक्सीजन बंटवारे के मामले में भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों से भेदभाव कर रही है।

वन नेशन, वन वैक्सीन, वन रेट

AAP नेता योगेश्वर शर्मा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा ,” भाजपा शासित राज्यों को ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है,वहीं अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों की मांग भी पूरी नहीं की जा रही।  केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता बढ़वाकर इसकी आपूर्ति ज्यादा से ज्यादा करवानी चाहिए। वहीं कोरोना वैक्सीन का सारा खर्च स्वयं वहन करना चाहिए।”

उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि जिस वैक्सीन को भारत सरकार दो दवा निर्माताओं से 157 रुपए की दर से खरीद रही है, उसी वैक्सीन की 6 करोड़ डोज पीएम केयर फंड के माध्यम से एक निर्माता से 210 रुपए और 1 करोड़ डोज दूसरे निर्माता से 310 रुपए में खरीदा है। उन्होंने आगे कहा कि इससे जनता के मन में सवाल उठ रहे हैं। एक ही वैक्सीन के तीन दाम तय करके भारत सरकार ने भविष्य के लिए जनता को भारी कठिनाई में डाल दिया है।

योगेश्वर शर्मा ने कहा ,” यह बहुत ही विचित्र निर्णय है कि एक ही वैक्सीन भारत सरकार को 150 रुपए में, राज्य सरकारों को 600 रुपए में और निजी अस्पतालों को 1200 रुपए में सप्लाई की जाएगी। वन नेशन, वन वैक्सीन, वन रेट आज की सबसे बड़ी जरूरत है, ताकि वैक्सीन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नियंत्रण हो सके।”

उन्होंने कहा ,” सभी दलों की राज्य सरकारें कोविड के संकट से अपने संसाधनों के साथ पहले से ही जूझ रही हैं, ऐसे में वैक्सीन का खर्च केंद्र सरकार को ही वहन करना चाहिए। वैक्सीन की 6 करोड़ डोज के निर्यात पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने कहा कि ये बहुत ही अफसोसजनक है कि भारतीय वैक्सीन निर्माता को विदेशी सरकारों ने भारत सरकार से पहले ही आपूर्ति आदेश दे दिए थे।”

Exit mobile version