मिजोरम की सबसे उम्रदराज महिला फामियांगी का 117 वर्ष की उम्र में निधन

Phamiangi dies: मिजोरम की सबसे उम्रदराज महिला मानी जाने वाली फामियांगी का 117 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने अपने परिवार के बीच अंतिम सांस ली।
Phamiangi का 117 वर्ष की उम्र में निधन
मिजोरम की सबसे बुजुर्ग महिला Phamiangi का 22 जुलाई 2025 को सुबह 7 बजे निधन हो गया है। वह 117 साल की थीं। वह मिजोरम के दक्षिण लांगतलाई जिले के पांगखुआ गांव की निवासी थीं। स्थानीय लोगों के अनुसार फामियांगी का जन्म 1908 में हुआ था।
3 सदियां देख चुकी फमियांगी
अपने जीवनकाल में तीन सदियां देख चुकी फामियांगी, औपनिवेशिक शासन काल से देश की आजादी और आज का डिजिटल युग देख चुकी। उन्होंने भारत की तीन शताब्दियों के परिवर्तन को देखा है।
फामियांगी का पति और परिवार
Phamiangi की शादी हेइनावना ( स्वर्गीय ) से हुई थी। उनके आठ बच्चे थे। फामियांगी अपने पीछे एक बहुत बड़ा परिवार छोड़कर गई हैं।
- 51 पोते-पोतियां
- 122 परपोते-परपोतियाँ
- 22 परपरपोते-परपोतियाँ
फामियांगी का परिवार न केवल उनकी लंबी उम्र के लिए बल्कि सामुदायिक योगदान के लिए भी जाना जाता है। फमियांगी अपनी लंबी उम्र के साथ साथ अपनी सेहत के लिए भी जानी जाती थीं।
मिजोरम विधानसभा चुनावों में मतदान किया था
उन्होंने 2023 में मिजोरम विधानसभा चुनावों में मतदान किया था। जिसके लिए मिजोरम के राज्य चुनाव आयोग ने उन्हें प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया था। हाल ही के महीनों में उनकी सेहत बिगडने लगी थी। इस महीने उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। उन्होंने खाना पीना लगभग कम कर दिया था।
पांगखुआ गाँव के कब्रिस्तान में अंतिम विदाई दी गई
फामियांगी को न केवल मिजोरम बल्कि पुरे पूर्वोत्तर भारत में सबसे उम्रदराज महिला माना जाता था। उनकी मृत्यु को मिजोरम और स्थानीय समुदाय में ेकन बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। वह अपनी राजनीतिक रूचि और सामुदायिक गतिविधियों के लिए जानी जाती थी। उन्हें पांगखुआ गाँव के कब्रिस्तान में अंतिम विदाई दी गई। उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए।
फमियांगी का जीवन और मृत्यु मिजोरम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय को दर्शाता है। उन्होंने न केवल अपने परिवार बल्कि पुरे समुदाय के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया।