INR USD Trump Tariff : ट्रंप के टैरिफ के बाद भारतीय रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई है। USD के मुकाबले INR की कीमत 88.12 पर पहुंच गई है।
Trump Tariff का रुपए पर प्रभाव
2025 में भारतीय रूपया अमेरिकी डॉलर (USD vs INR) के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है। साल की शुरुआत में 10 फरवरी को रूपया 44 पैसे टूटकर 87.94 प्रति डॉलर आ गया था। जो आल टाइम लो था। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर ऐसी गिरावट जारी रही तो रुपया 100 के स्तर को भी पार कर सकता है।
रुपया बनाम डॉलर: इतिहास ( INR USD)
100 साल पहले,1925 में डॉलर की कीमत 2.76 रुपए थी। 1947 में यह लगभग 1 रुपए के बराबर था। लेकिन वैश्विक आर्थिक बदलावों, कच्चे तेल की कीमतऔर नीतिगत बदलावों के कारणों से रुपए की कीमत लगातार कमजोर होती चली गई। 2014 में यह 60.33 थी और आज की तारीख में 88.12 तक पहुंच गई है।
ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ (Trump Tariff) युद्ध शुरू किया हुआ है। जिसका भारतीय रुपए और अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा है। ट्रंप ने भारत पर दो चरणों में टैरिफ लागू किया है। पहले चरण में 25 % टैरिफ लागू करते हुए ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना कारण बताया। 27 अगस्त को दूसरे चरण में 25%अतिरिक्त टैरिफ लागू किया। जिससे भारतीय निर्यात पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया।
INR USD: रुपए की गिरावट के अन्य कारण
ट्रंप के टैरिफ के अलावा रुपए की कमजोरी के पीछे कई अन्य कारक हैं।
- वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमत 66.31 डॉलर प्रति बैरल है। जो रुपए पर दबाव बढ़ा रही है।
- विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 640 अरब डॉलर से घटकर 530 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
- कई आर्थिक नीतियों में अपरिपक्वता के कारण भी भारतीय रुपया कमजोर हुआ है।
भारत की रणनीति
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने रुपए को स्थिर करने के लिए कई रणनीतियां बनाई हैं। जिसके चलते अगस्त महीने की शुरुआत में रुपया 44 पैसे मजबूत हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से GST सुधार की बात कही थी। जिसका असर भारतीय बाजार पर सकारात्मक दिखाई दिया।
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि Trump Tariff भारत के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए रूस ने भारत को तेल पर 5 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश की है। चीन ने दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की बिक्री शुरू की है। इसके अलावा, भारत BRICS देशों के साथ मिलकर रुपए को अंतराष्ट्रीय व्यापार में वैकल्पिक मुद्रा के रूप में बढ़ावा दे रहा है।
ताजा आंकड़ों के आधार पर रुपया मजबूत होगा, ये अनिश्चित है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति सुधरने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।