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मिस इंडिया रनर अप मान्या सिंह हाथ में तिरंगा सिर पर ताज पहनकर पिता के ऑटो रिक्शा में बैठकर समारोह में पहुंची, लोगों ने सादगी को किया सलाम

फ़रवरी 18, 2021 | by pillar

Miss India runner up Manya Singh arrived at the function wearing a tricolor crown on her head in her father’s auto rickshaw, people saluted her simplicity

ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी मान्या सिंह ने हाल ही में वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 रनर अप का खिताब अपने नाम कर खूब सुर्खियां बटोरी हैं।

कौन कहता है आसमान में छेद हो नहीं सकता, एक पत्थर तो जरा तबियत से उछालो यारो। यह शेर फेमिना मिस इंडिया रनर अप मान्या सिंह पर फिट बैठता है। मान्या सिंह ने वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 का रन अप का खिताब अपने नाम कर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया की रहने वाली मान्या सिंह ने अपने पिता के साथ ऑटो रिक्शा में बैठकर मुंबई में अपने एक फेलिसिटेशन समारोह में पहुंचकर लाखों लोगों का दिल जीत लिया है।

मिस इंडिया रनर अप की तस्वीरें

इस समारोह सेमान्या सिंह की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहे हैं । वह ऑटो में बैठ कर अपने पिता के साथ इवेंट में जाती हुई नजर आ रही है। मान्या सिंह ने काले रंग की खूबसूरत ड्रेस पहनी हुई है और सिर अपना ताज भी पहना हुआ है। उन्होंने अपने हाथ में देश का तिरंगा झंडा भी लिया हुआ है। समारोह में पहुंचने पर मान्या सिंह और उसके माता-पिता का बेहतरीन तरीके से स्वागत किया गया।

ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी हैं मान्या सिंह

मान्या सिंह के ऑटो रिक्शा ड्राइवर की बेटी होने से लेकर मिस इंडिया 2020 की रनर अप बनने तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा और लोगों को प्रेरित करने वाला है। मान्या सिंह अपने जज्बे और सच्चाई से लोगों का दिल जीत रही है। लोग उनकी सादगी और हौसले को सलाम कर रहे हैं । वह लाखों लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है। खासकर युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा प्रेरित कर रही है।

मान्या सिंह ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कैसे उनके लिए पढ़ाई करना काफी मुश्किल हुआ करता था माननीय सिंह ने एजेंसी को बताया 14 साल की उम्र में मैं देखती थी कि मेरे आस-पास की लड़कियां जीवन का आनंद उठा रही है अच्छे कपड़े पहन रही है स्कूल जा रही हैं मुझे पता था कि मेरा जीवन उनकी तरह नहीं है।

मिस इंडिया रनर अप रही मान्या सिंह के अनुसार एक बार उनको एक शैक्षणिक संस्थान में एडमिशन दिलाने के लिए उनकी मां को गहने बेचने पड़े थे। माननीय ने कहा, मैं डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहती थी। हालांकि उससे मेरे माता-पिता खुश होते । लेकिन मैं साधारण जीवन जीना नहीं चाहती थी। मैं जीवन में कुछ अलग करना चाहती थी।

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