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कृषि कानूनों से गुस्साए किसानों ने हरियाणा के झज्जर में उखाड़ फेंकी बीजेपी दफ्तर की नींव

जून 14, 2021 | by

Farmers angry with agricultural laws uprooted the foundation of BJP office in Jhajjar, Haryana

केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब के कई गांवों में किसानों ने बीजेपी के नेताओं के प्रवेश को गांव में वर्जित कर दिया है। अब हरियाणा के झज्जर जिले में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर की नींव उखाड़ दी है ।

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र सरकार को इसके चलते पिछले कई महीने से किसानों के गुस्से को झेलना पड़ रहा है। हाल ही में एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ। दरअसल हरियाणा के झज्जर जिला में कृषि कानूनों से गुस्साए किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर की नीव उखाड़ दी है। नींव किसानों के पहुंचने से कुछ देर पहले ही रखी गई थी। दफ्तर की नींव उखाड़ने वाले किसानों के इस समूह में महिलाएं भी शामिल थी।

दरअसल रविवार के दिन 13 जून 2021 को भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने रेवाड़ी रोड पर जिला कार्यालय का भूमि पूजन किया था। ओपी धनखड़ के जाने के कुछ ही देर बाद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने आकर कार्यालय की नीव की ईट उखाड़ दी और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दूसरी तरफ बीजेपी ने इस घटना को लेकर कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा।

प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार,” बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन सुबह 10:00 बजे तय किया गया था। लेकिन बीजेपी नेता किसानों के डर से बहुत पहले ही आ गए। ऐसे में हमने भी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नींव उखाड़ फेंकी है। यह किसानों की जीत है।” बता दें, केंद्र सरकार से गुस्साए किसान पहले भी ऐसा कर चुके हैं। हाल ही में हरियाणा के ही हांसी में लाला हुकम चंद जैन स्मृति पार्क के पुनर्निर्माण के बाद एक विधायक को उद्घाटन करना था। लेकिन किसानों ने एक रात पहले पार्क का उद्घाटन कर दिया। किसानों ने रात में ही स्वामी इच्छापुरी से पार्क का उद्घाटन करवाया।

बता दें कि 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले कई महीने से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ किसानों की 11 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन बेनतीजा रही। किसानों और केंद्र सरकार के बीच आखरी बार बैठक 22 जनवरी 2021 को हुई थी।

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