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कश्मीरी गर्ल तजामुल इस्लाम ने अंडर-14 वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर किया देश का नाम रौशन

अक्टूबर 31, 2021 | by

Kashmiri girl Tajamul Islam brought laurels to the country by winning gold medal in Under-14 World Kick Boxing Championship

श्रीनगर की 13 वर्षीय लड़की तजामुल इस्लाम ने अंडर-14 वर्ल्ड किकबॉक्सिंग चैपियनशिप के फाइनल में अर्जेंटीना की ललिना को हराकर गोल्ड मेडल जीता है। तजामुल इस्लाम  ने ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा जताई है।

कश्मीर की 13 वर्षीय किक बॉक्सर तजामुल इस्लाम ने 22 अक्टूबर को मिस्र के काहिरा में वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अंडर 14 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता है। इस्लाम पहली कश्मीरी लड़की है जिसने प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया। विश्व किक बॉक्सिंग 18 से 24 अक्टूबर के बीच मिस्र के काहिरा में हुई थी। फाइनल में तजामुल इस्लाम ने अर्जेंटीना की ललिना को हराया। अपने माता-पिता के 5 बच्चों में से तीसरी संतान, इस्लाम का जन्म श्रीनगर से 56 किलोमीटर दूर एक गांव में हुआ था, जो उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले का एक सुदूर गांव है।

तजामुल इस्लामम बांदीपोरा के आर्मी गुडविल स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की ब्रांड एंबेसडर भी है। तस्लीमा ने न्यूज़ एजेंसी एनएनआई से कहा कि उसने अंडर-14 कैटेगरी में 2016 में इटली में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। तब अन्य 90 देशों ने भाग लिया था। उस समय तस्लीमा की उम्र महज 8 वर्ष की थी और उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। इस बार हुई विश्व की बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उसने भारत का विभिन्न आयु और भार वर्ग में भारत के 38 खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व किया था।

तजामुल इस्लाम ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं व्यक्त नहीं कर सकती कि मुझे कितना गर्व महसूस हो रहा है। क्या यह मैं ही हूं। कड़ी मेहनत करके आप कुछ भी कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मैं अब दो बार की वर्ल्ड की बॉक्सिंग चैंपियन हूं। अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। 112 देशों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। हमें लड़कियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। वह भी कुछ कर सकती हैं। मेरा उद्देश्य ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

इस्लाम ने आगे कहा कि मैं बहुत प्रेशर में थी। क्योंकि वर्ल्ड चैंपियनशिप बनने का मौका था। मैं घबराई, नहीं दबाव भी था। दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का मौका था और ऐसा लग रहा था कि मुझे दो बार का विश्व चैंपियन बनना है। मुझे आगे बढ़ते रहना है। सिर्फ दो नहीं बल्कि तीन नहीं चार पांच बार मुझे जीतना है। अब मुझे नहीं रुकने और अपने खेल को पेशेवर के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है।

वही अपने भविष्य के बारे में बात करते हुए इस्लाम ने कहा कि वह एक आर्थोपेडिक सर्जन बनना चाहती है। उन्होंने मजाक में कहा कि मैं हड्डी तोड़ और जोड़ डॉक्टर बनाकर हड्डियों को तोड़ना और जोड़ना चाहती हूं। गोल्ड मेडल जीतने की खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मां ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया है और उनके पिता को उसे खेल खेलने की अनुमति देने के लिए कहा।

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