सोशल मीडिया पर महिलाओं को स्टॉक करने पर होगी जेल, जानिए क्या है सजा के प्रावधान
जनवरी 12, 2022 | by pillar
इन दिनों Bulli Bai और Sulli Deals App जोरो से चर्चा में है। दोनों एप्स के जरिए मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर टारगेट किया गया। इन एप्स पर महिलाओं की नीलामी की जा रही थी। अब ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महिलाओं को ऑनलाइन स्टॉक करने पर सजा का क्या प्रावधान है?
जुलाई 2021 में सुल्ली डील्स नाम की एक ऐप सामने आई थी। जिसमें महिलाओं की नीलामी की बात कही गई थी। उसके बाद जनवरी 2022 में बुल्ली बाई ऐप डिजाइन की गई। इन दोनों ऐप के जरिए एक ही काम किया गया और वह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखना। उन्हें टारगेट करना और उनकी इच्छा के विरुद्ध उनकी तस्वीरों को अपलोड कर नीलामी करना था। बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स का मामला सामने आया। लेकिन इसके अलावा भी महिलाओं को सोशल मीडिया ऑनलाइन स्टाकिंग का शिकार होना पढ़ रहा है। ऐसे में बहुत सारे मामले हैं जब सोशल मीडिया पर किसी महिला को टारगेट किया जाता है। यह काम खासतौर पर पढ़े लिखे लोग कर रहे हैं।
पुलिस ने किया इन धाराओं के तहत केस दर्ज
नए साल के अवसर पर एक जनवरी को मुस्लिम महिलाओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने बुल्ली बाई एप के डिवलपर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153a ,153b ,295a 354 बी ,509 और 500 के तहत मामले दर्ज किए थे। इसके साथ ही इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की धारा 67 ए के तहत भी एफ आई आर दर्ज की गई है। ये भी पढ़ें,Bulli Bai App केस के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे
जानिए किस धारा में कितनी सजा मिल सकती है
- आईपीसी की धारा 67 : इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना या प्रसारित करने का अपराध है। जिसके तहत पहली बार में 3 साल की जेल या फिर 500000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनों भी हो सकते हैं। जबकि दूसरी बार में 5 साल की सजा या 1000000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनों भी हो सकते हैं।
- धारा 509 : इस धारा के तहत 3 साल की कैद या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
- धारा 500 : किसी व्यक्ति की मानहानि करने का अपराध है। इसके तहत 2 साल तक की कैद या जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान रखा गया है।
- 354 बी धारा : अगर कोई पुलिस पुरुष इंटरनेट या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से किसी महिला को मॉनिटर करता है तो यह अपराध है। जिस के तहत पहली बार में अभी 3 साल की सजा और जुर्माना और दूसरी बार में 5 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
- 295 a धारा : धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर या दुर्भाग्यपूर्ण काम करना होता है। इसके तहत 3 साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान है।
- 153 बी धारा : इस धारा में राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का अपराध बताया गया है। जिसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माने का प्रावधान है।
- 153a में धर्म के आधार पर दो समुदाय के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का अपराध है। इसके तहत 3 वर्ष तक की कैद या जुर्माने का प्रावधान है।
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