सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने धर्मांतरण रोकथाम विधेयक को मंजूरी दे दी है। सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंगलवार के दिन हुई बैठक में धर्मांतरण रोकथाम विधेयक को मंजूरी दी गई है।
बीजेपी शासित हरियाणा राज्य में धर्मांतरण विधायक 2022 को मंजूरी दे दी गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री एम एल खट्टर की अध्यक्षता में मंगलवार के दिन बैठक हुई। जिसमें धर्मांतरण रोकथाम विधेयक को मंजूरी दी गई है। सरकार अब इस विधेयक को आगामी बजट सत्र में विधानसभा में लेकर आएगी।
मंगलवार के दिन लिया गया फैसला
हरियाणा में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में जबरन, फर्जी या लालच देकर कराए गए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने वाली है। इसके अलावा धर्म छुपाकर किए गए विवाह को अमान्य घोषित करने वाला बिल भी बजट सत्र में पेश किया जाएगा। सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंगलवार के दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा में गैर कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक मसौदे को मंजूरी दे दी गई है।
अनिल विज ने की घोषणा
धर्मांतरण विधायक को अब हरियाणा विधानसभा में पेश किया जाएगा। जिसका बजट सत्र 2 मार्च से शुरू होगा। 2020 के नवंबर महीने में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने घोषणा की थी कि ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया जाएगा। बिल के मसौदे के उद्देश्य और कारण में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें अपने धर्म की ताकत बढ़ाने के लिए लोग अपना धर्म छिपाकर अन्य धर्मों के लोगों से शादी कर रहे हैं और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते हैं।
इस विधेयक के जरिए हरियाणा राज्य में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 255, 26 ,27 और 28 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले बीजेपी शासित कई राज्यों में यह कानून लागू हो चुका है। जिनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित बीजेपी शासित कई राज्य शामिल है।
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