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सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन पर सुनाया फैसला, कहा- 3 महीने के भीतर हो बकाया रकम का भुगतान

मार्च 16, 2022 | by

Supreme Court gave its verdict on One Rank One Pension, said- outstanding amount should be paid within 3 months

सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार के दिन OROP मामले में अपना फैसला सुना दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सरकार का वन रैंक वन पेंशन का फैसला मनमाना नहीं है।

पीठ ने कहा कि यह फैसला किसी संविधानिक कमी से ग्रस्त नहीं है। इस बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ , जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल थे। अदालत ने कहा है कि ओरोप लंबित पुनः निर्धारण प्रक्रिया 1 जुलाई 2019 से शुरू की जानी चाहिए और 3 महीने के भीतर बकाया रकम का भुगतान किया जाना चाहिए ।

पिछले महीने हुई थी सुनवाई

वन रैंक वन पेंशन मामले की सुनवाई 16 फरवरी को हुई थी। जिसमें सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि केंद्र सरकार की अतिशयोक्ति वन रैंक वन पेंशन नीति पर आकर्षक तस्वीर प्रस्तुत नहीं करती है। जबकि इतना कुछ सशस्त्र बलों के पेंशन धारकों को मिला नहीं है।

सेवानिवृत्त हुए लोगों को मिल रही है अलग-अलग पेंशन

आपको बता दें, पूर्व सैनिकों की एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस नीति से वन रैंक वन पेंशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है। इसकी हर साल समीक्षा होनी चाहिए लेकिन इसमें 5 साल में समीक्षा का प्रावधान रखा गया है। अलग-अलग समय पर सेना से सेवानिवृत्त हुए लोगों को अब भी अलग-अलग पेंशन मिल रही है।

वास्तविकता से बिल्कुल परे है तस्वीर

पिछले महीने याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी भारतीय पूर्व सैनिकों की तरफ से अदालत में पेश हुए थे। बेंच ने कहा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह वैचारिक आधार पर होगा ना कि आंकड़ों के आधार पर। अदालत ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा था कि योजना में जो गुलाबी तस्वीर दिखाई गई थी वह वास्तव में वास्तविकता से बिल्कुल परे है।

आपको बता दें, केंद्र सरकार ने 7 नवंबर 2011 को एक आदेश जारी करते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने का फैसला कर लिया था। लेकिन इसे 2015 से पहले लागू नहीं किया जा सका। इस योजना के दायरे में 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सैन्य कर्मी आते हैं।

सर्वोच्च अदालत के 2014 में संसदीय चर्चा बनाम 2015 में वास्तविक नीति के बीच विसंगती के लिए केंद्र सरकार ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान पर विसंगति का आरोप लगाया था ।

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