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आज चंद्रमा पर रात शुरू होने के कारण विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीदों पर छाया काला अंधेरा

सितम्बर 21, 2019 | by

Due to the onset of night on the moon today, dark darkness over the hopes of contact with Vikram Lander

आज शनिवार के दिन चांद पर रात शुरू हो गई है। चांद पर अंधेरा छाने के कार अब विक्रम लैंडर से संपर्क की संभावना लगभग खत्म हो गई है।

चांद की एक रात धरती के 14 दिनों के बराबर होती है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 22 जुलाई को लांच किए गए चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर 7 सितंबर की रात को 1 बजकर 52 मिनट 54 सेकंड पर चांद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान इसरो के संपर्क से बाहर हो गया था। इसरो के जमीनी कंट्रोल स्टेशन से विक्रम लैंडर का संपर्क टूटने के बाद इसरो चीफ के सिवन के अनुसार आज 21 जुलाई तक विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश की गई। इसरो के सहयोग में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन आज चांद पर रात होने के कारण विक्रम लैंडर से संपर्क करना और उसकी फोटो लेना बहुत मुश्किल हो गया है। चांद पर रात होने के कारण वहां का तापमान माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जायेगा ,जिसके कारण विक्रम लैंडर के नष्ट होने की संभावना बहुत ज्यादा है। अगर विक्रम लैंडर में तापमान को संतुलित करने वाले यंत्र लगे होते तो इसके बचने की संभावना ज्यादा थी।

इसरो ने 8 सितंबर को अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि चंद्रयान 2 ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की थर्मल इमेज ली है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पाया। विक्रम लैंडर के अंदर प्रज्ञान रोवर भी बंद है। जिसे चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने थे। लेकिन अब विक्रम लैंडर के साथ-साथ उसके अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर के नष्ट होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि इसरो और भारत के लिए अच्छी बात ये है कि चांद पर भेजे गए चंद्रयान 2 और ऑर्बिटर सही काम कर रहे है। अगर विक्रम लैंडर सही-सलामत चांद की सतह पर लैंड कर पाता तो भारत ,अमेरिका रूस और चीन के बाद ऐसा चौथा देश बन जाता। बहरहाल ,इसरो के अंतरिक्ष में भेजे गए चंद्रयान 2 की पुरे विश्व में तारीफ हो रही है।

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