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अभिजीत काले ने सचिन तेंदुलकर के साथ की थी क्रिकेट की शुरुआत लेकिन एक गलती ने उनका पूरा करियर डूबा दिया

जुलाई 3, 2021 | by

Abhijeet Kale started cricket with Sachin Tendulkar but one mistake drowned his entire career

अभिजीत काले का जन्म मुंबई में हुआ। लेकिन वह मुंबई टीम की तरफ से कभी घरेलू क्रिकेट नहीं खेल पाए। उनकी शुरुआत अच्छी रही लेकिन एक गलती ने उनके पूरे क्रिकेट करियर को बर्बाद कर दिया था।

पूर्व क्रिकेटर अभिजीत काले ने घरेलू क्रिकेट में 93 मैच खेले और 54.45 की औसत से 7134 रन बनाए। उनका नाबाद 248 रन का सर्वोच्च स्कोर रहा। वही लिस्ट ए में काले ने 65 मैच में 40.91 की औसत से 2111 रन बनाए। काले ने इंग्लैंड में एक टूर्नामेंट के दौरान एक ओवर में छह छक्के जड़े थे और 39 रन बटोरे थे।

अभिजीत काले ने जूनियर क्रिकेट में काफी रन बनाए और कई अहम पारियां खेली।  लेकिन काले को कभी मुंबई रणजी टीम में जगह नहीं मिल पाई। उन्होंने ओपनर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था।  मुंबई में मौका नहीं मिलने पर वह महाराष्ट्र की तरफ से खेलने लगे।  फिर टीम के मिडिल ऑर्डर की जान बन गए।  यहां उन्होंने लगभग 60 की औसत से रन बनाए कुछ तो इसी दौरान 2001 में टीम इंडिया की ए टीम की तरफ से खेलते हुए मेहमान इंग्लैंड के खिलाफ शतक जमाया। जिसके बाद वह चर्चाओं में आ गए। उनका टीम इंडिया के साथ वेस्टइंडीज का दौरा भी सफल रहा।  इसके कुछ महीनों बाद ही उन्हें टीम में जगह मिल गई। अभिजीत ने बांग्लादेश के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज के दौरान बल्लेबाजी करने का मौका मिला। इसमें उन्होंने 10 रन बनाए लेकिन फिर दोबारा भारत के लिए कभी नहीं खेल पाए।

रिश्वत देने के आरोप से हुआ करियर बर्बाद

अभिजीत काले दो चयनकर्ताओं को चयन के लिए रिश्वत की पेशकश के मामले में फस गए। उस समय चयनकर्ता किरण मोरे और प्रणव रॉय ने आरोप लगाया था कि अभिजीत काले ने भारतीय टीम में चुने जाने के लिए उन्हें 1000000 रुपए देने की पेशकश की थी। बाद में बीसीसीआई ने इंक्वायरी कमेटी बैठाई। ऐसे में अभिजीत काले ने माफी मांगी और कहा कि उन्होंने चयनकर्ताओं को सिर्फ प्रभावित करने की कोशिश की थी ना कि पैसे देने की बात कही थी।

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जून 2004 में उन्हें पूरे सीजन के लिए बैन कर दिया गया था। इस घटना के बाद अभिजीत काले कभी पहले की तरह क्रिकेट नहीं खेल पाए। उन्हें महाराष्ट्र की टीम से भी निकाल दिया गया। जिसके बाद वह त्रिपुरा चले गए लेकिन वहां भी किस्मत और बल्ले ने उनका साथ नहीं दिया।

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