Pragyan Rover moon: Vikram Lander के टचडाउन से उडी धूल के कारण प्रज्ञान रोवर के बाहर निकलने में थोड़ा समय लगा। Pragyan Rover ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया है।
Pragyan Rover moon:चांद की सतह पर बाहर निकला प्रज्ञान रोवर
चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। पूरा देश खुशियां मना रहा है। लेकिन भारत के मिशन मंगल का असली काम अब शुरू हुआ है। भारत इस सफलता के बाद चांद के दक्षिण ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। विक्रम लैंडर के पेट से प्रज्ञान रोवर भी बाहर आ चूका है। अब दोनों चांद की सतह पर एक्टिव हो गए हैं।
दरअसल, विक्रम लैंडर की लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर को बाहर निकालना एक बड़ा कदम था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि प्रज्ञान रोवर अब विक्रम लैंडर के पेट से बाहर आ चूका है। यह रोवर अपने आसपास के डाटा को विक्रम लैंडर को भेजेगा और लैंडर इस डाटा को इसरो के पास भेजेगा।
इसरो की चिंता
मिशन चंद्रयान 3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर के पेट से प्रज्ञान रोवर को निकलने में थोड़ा समय लगा। ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि विक्रम लैंडर के लैंड करते समय उडी धूल को शांत होने में थोड़ा समय लगा। इसरो के वैज्ञानिकों की चिंता थी कि अगर धूल शांत होने से पहले प्रज्ञान को बाहर निकाला गया तो इससे रोवर के कैमरों और अन्य संवेदनशील उपकरणों को नुकसान हो सकता है।
विक्रम लैंडर के चांद पर लैंड होने के करीब ढाई घंटे बाद रोवर को बाहर निकाला गया। बता दें, चंद्रमा की ग्रेविटी पृथ्वी से कम है। चांद पर गुरुत्वकर्षण कम होने के कारण वहां उडी धूल-मिट्टी को शांत होने में पृथ्वी की अपेक्षा ज्यादा समय लगता है। प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर अपना कार्य शुरू कर दिया है।
लैंडर का जीवनकाल
इसरो के अनुसार, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में पांच पेलोड हैं। जिन्हे लैंडर मॉड्यूल के अंदर रखा गया है। लैंडर और रोवर का जीवनकाल 14 दिन है। चंद्रयान 3 चांद की सतह से मिट्टी और चट्टानों की सरंचना के बारे में जानकारी देगा। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर खनिजों का भंडार होने की भी उम्मीद जताई जा रही है।