Ajmer Taj Mahal कहे जाने वाले Seven Wonders Park पर प्रशासन का बुल्डोजर चल गया है। अजमेर वाला ताज महल 12 करोड़ की लागत से बनाया गया था।
अजमेर वाले ताज महल का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था। राजस्थान के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने सेवन वंडर्स पार्क का उद्घाटन किया था। यह अजमर स्मार्ट सिटी के तहत बनाया गया था। इस प्रोजेक्ट की लागत 12 करोड़ थी। पार्क के संचालन के लिए एक निजी फर्म को 87 लाख का ठेका दिया गया था।
Ajmer Taj Mahal कहे जाने वाले Seven Wonders Park की खासियत
Seven Wonders Park में दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां थीं। जिसमें ताजमहल , मिस्र के पिरामिड , पीसा की झुकी हुई मीनार , कोलोसियम , एफिल टावर , क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति और स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी शामिल थी। ये प्रतिकृतियां मूल अजूबों की छोटी कॉपी थीं। जो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई थीं। Seven Wonders Park में टिकट सिस्टम था। इसमें फूड कोर्ट , पटेल स्टेडियम , गांधी स्मृति उद्यान और लव कुश गार्डन जैसी अन्य सुविधाएं थीं। पार्क में पर्यटक दुनिया के सभी अजूबों को एकसाथ देख सकते थे। यह अजमेर शहर में एक अनोखा पर्यटन स्थल था।
अजमेर के ताज महल को तोड़ने का आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 11 अगस्त 2023 ने Seven Wonders Park को अवैध घोषित करते हुए ध्वस्त करने का आदेश दिया। यह आदेश भोपाल बेंच ने दिया था। यह आदेश भोपाल बेंच ने दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2025 में NGT के फैसले को बरकरार रखा और राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया, और उनके निरीक्षण के बाद कार्रवाई शुरू हुई।
ध्वस्तीकरण 12 सितंबर 2025 को शुरू हुआ। 13 सितंबर तक 5 संरचनाएं (कोलोसियम, एफिल टावर, क्राइस्ट द रिडीमर, मिस्र का पिरामिड आदि) तोड़ी जा चुकी हैं। पिरामिड को तोड़ने में 7 घंटे लगे।
Ajmer Taj Mahal को तोड़ने का उद्देश्य
मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण है। पार्क आना सागर वेटलैंड में अवैध रूप से बनाया गया था, जो मास्टर प्लान का उल्लंघन था। इससे झील के आसपास की वेटलैंड नष्ट हुई, जिससे जल स्रोतों पर असर पड़ा और प्रवासी पक्षियों का आना बंद हो गया (पिछले तीन वर्षों में पक्षी नहीं दिखे)।
पर्यावरण संतुलन के लिए तोडा गया Seven Wonders Park
कोर्ट ने कहा कि ऐसे अवैध निर्माण शहर के स्मार्ट विकास में बाधा हैं और जल निकायों की सुरक्षा जरूरी है। यह कार्रवाई वेटलैंड को बहाल करने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए है। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में जिला प्रशासन, अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम शामिल हैं।