Amanjot Kaur grandmother Bhagwanti : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर क्रिकेटर अमनजोत कौर की दादी भगवंती देवी का निधन हो गया है। उन्हें ICC वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल से पहले दिल का दौरा पड़ा था। अमनजोत के परिवार ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी ताकि उनका फोकस मैच पर बना रहे।
महिला क्रिकेटर अमनजोत कौर की दादी का निधन
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर अमनजोत कौर ने ICC महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2 नवंबर 2025 को नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने 52 रनों से जीत दर्ज कर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता।
अमनजोत कौर ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट का महत्वपूर्ण कैच लपककर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। लेकिन इस जीत के पीछे एक दर्दनाक पारिवारिक त्रासदी छिपी थी। जिसका खुलासा फाइनल के बाद हुआ। अमनजोत कौर की 75 वर्षीय दादी भगवंती का निधन हो चुका था, लेकिन परिवार ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी ताकि उनका फोकस मैच पर बना रहे।
दिल का दौरा पड़ने से दादी भगवंती का निधन
भगवंती को सितंबर 2025 में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद वे बेडरिडन (बिस्तर पर लेटी हुई) हो गईं। अक्टूबर के अंत या नवंबर के प्रारंभ में उनकी हालत बिगड़ गई, और फाइनल से कुछ दिन पहले (संभवतः 30 अक्टूबर या 31 अक्टूबर के आसपास) उनका निधन हो गया। परिवार ने डॉक्टरों से अनुरोध कर उन्हें 1 नवंबर को घर भेजा था ताकि वे अंतिम दिनों में घर पर रह सकें। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, निधन के बाद भी परिवार ने अंतिम संस्कार को स्थगित रखा और अमनजोत को फाइनल खेलने दिया।
अमनजोत का परिवार
Amanjot Kaur के पिता भूपिंदर सिंह (एक बढ़ई), मां रंजीत कौर, बहन कमलजोत कौर और भाई गुरकीरपाल सिंह ने मिलकर यह फैसला लिया। भूपिंदर ने बताया कि अमनजोत को केवल इतना कहा गया कि दादी का ब्लड प्रेशर कम है, लेकिन हार्ट अटैक या निधन की बात छिपाई गई। Amanjot Kaur को शक हुआ था, लेकिन परिवार ने उन्हें आश्वस्त किया। भूपिंदर ने कहा, “मेरी मां भगवंती अमनजोत की ताकत का स्तंभ रही हैं। अगर हमने उन्हें बता दिया होता, तो उनका ध्यान भटक जाता। विश्व कप की जीत ने हमें इन तनावपूर्ण दिनों में सांत्वना दी।”
अमनजोत के जीवन में दादी भगवंती का योगदान
भगवंती Amanjot Kaur की सबसे बड़ी समर्थक थीं। मोहाली के फेज-5 में रहने वाले परिवार में अमनजोत ने बचपन में पड़ोस के लड़कों के साथ सड़क और पार्क में क्रिकेट खेलना शुरू किया। भगवंती कुर्सी पर बैठकर उन्हें देखतीं, चीयर करतीं और किसी भी आलोचना या परेशानी से बचातीं। भूपिंदर अपनी बढ़ई की दुकान पर व्यस्त रहते, तो भगवंती ही अमनजोत की रक्षक बनतीं।
Amanjot Kaur ने 2016 में चंडीगढ़ की एक अकादमी जॉइन की, जहां कोच नगेन गुप्ता ने उन्हें ऑलराउंडर बनाया। 2017-18 से पंजाब के लिए डेब्यू करने वाली अमनजोत ने विश्व कप में 7 मैचों में 146 रन बनाए और 6 विकेट लिए।
दादी के निधन पर Amanjot Kaur की प्रतिक्रिया
फाइनल के बाद अमनजोत ने कहा, “यह जीत मेरे परिवार और कोचों को समर्पित है। सब घर पर हैं क्योंकि दादी ठीक नहीं हैं।” उन्हें सच्चाई बाद में पता चली, जब वे डॉक्टरों से बात करने गईं। भूपिंदर ने भावुक होकर कहा, “अगर अमनजोत कैच मिस कर देतीं और भारत हार जाता, तो सारा दोष उन पर जाता। लेकिन उन्होंने इतिहास रच दिया।” परिवार का मानना है कि यह जीत भगवंती के लिए “नई जिंदगी” लेकर आई, क्योंकि निधन के बाद भी उनकी यादें अमनजोत की सफलता से जीवित हो गईं।
Amanjot Kaur की प्रेरणा स्रोत थीं दादी
Amanjot Kaur की सफलता भगवंती की स्मृति को अमर रखेगी। दादी भगवंती अमनजोत कौर की प्रेरणा स्रोत थीं। दादी ने ही हाथ पकड़कर अमनजोत को चलना सिखाया था।





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