Ansh Srivastava mRNA vaccine Enteromix: रूस कैंसर की दवाई का क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहा है। रूसी mRNA वैक्सीन एंटरोमिक्स के क्लिनिकल परीक्षणों के लिए भारतीय छात्र अंश श्रीवास्तव का नाम दिया गया है।
अंश श्रीवास्तव कैंसर की जंग में आगे आए
लखनऊ के 19 वर्षीय छात्र अंश श्रीवास्तव (Ansh Srivastava) की कैंसर से लड़ाई ने हाल ही में एक नई उम्मीद जगा दी है। उनके परिवार की अपील पर रूसी सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यदि मंजूरी मिल जाती है तो अंश भारत के पहले मरीज बन सकते हैं जो रूस की mRNA-आधारित कैंसर वैक्सीन ‘एंटेरोमिक्स’ ( mRNA vaccine Enteromix) के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा होंगे। यह वैक्सीन शुरुआती ट्रायल में 100% प्रभावकारिता दिखा चुकी है।
Ansh Srivastava कौन हैं
Ansh Srivastava लखनऊ पब्लिक स्कूल के पूर्व छात्र हैं और वर्तमान में गाजियाबाद में बी.टेक के पहले वर्ष के छात्र हैं। 2023 से वे एक दुर्लभ और उन्नत प्रकार के आंतों के कैंसर से जूझ रहे हैं। जो संभवतः कोलोरेक्टल कैंसर से जुड़ा है।
अंश श्रीवास्तव के लिए विकल्प खत्म
अंश श्रीवास्तव (Ansh Srivastava) पिछले लगभग दो वर्षों से वे तीव्र उपचार से गुजर रहे हैं। 2024 के अंत में उनकी हालत बिगड़ गई, जिससे उन्हें गंभीर सांस लेने में तकलीफ और वजन में भारी कमी हुई। लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल और मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने Ansh Srivastava के परिवार को चेतावनी दी कि भारत में अब कोई और विकल्प नहीं बचा है और स्थिति गंभीर है। डॉक्टरों ने परिवार को “सबसे बुरे के लिए तैयार रहने” की सलाह दी।
अंश के परिवार की अपील
Ansh Srivastava के पिता मनु कुमार श्रीवास्तव लखनऊ में एक रियल एस्टेट फर्म में प्राइवेट कर्मचारी हैं। जबकि मां कंचन लता श्रीवास्तव हैं। परिवार ने हताशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सीधे रूस सरकार को कई पत्र लिखे। उन्होंने अंश को वैक्सीन ट्रायल में शामिल करने की गुहार लगाई।
17 अक्टूबर 2025 को सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट “प्लीज सेव माय सन: लखनऊ फादर’स हार्टफेल्ट अपील टू पीएम मोदी एंड प्रेसिडेंट मुर्मू फॉर एक्सेस टू रशियन कैंसर वैक्सीन” ने इस कहानी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं। इस रिपोर्ट के बाद रूसी सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अनुरोध को अपने स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है।
mRNA vaccine Enteromix : वैक्सीन क्या है ?
एंटेरोमिक्स’ रूस की नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर और एंगेलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी द्वारा विकसित एक क्रांतिकारी mRNA-आधारित कैंसर वैक्सीन है। यह कोविड-19 वैक्सीन की तरह mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित है। जो रोगी के ट्यूमर की जेनेटिक जानकारी के आधार पर इम्यून सिस्टम को प्रशिक्षित करती है। ताकि वह कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें नष्ट कर सके। यह वैक्सीन व्यक्तिगत उपचार प्रदान करती है और साइड इफेक्ट्स से मुक्त मानी जाती है।
mRNA vaccine Enteromix: वैक्सीन का ट्रायल
शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल (फेज-1) में 48 कोलोरेक्टल कैंसर मरीजों पर परीक्षण किया गया। जहां 100% ट्यूमर रिस्पॉन्स रेट दिखा—यानी सभी मरीजों में ट्यूमर का सकारात्मक प्रभाव पाया गया, बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट्स के। यह परिणाम 2025 के सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में घोषित किए गए। वर्तमान में यह ट्रायल के बाद के चरणों में है।
mRNA vaccine Enteromix भारत के लिए गेम चेंजर
भारत में कोलोरेक्टल कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए यह वैक्सीन एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कैंसर उपचार को बिना साइड इफेक्ट्स के व्यक्तिगत बना सकती है।
mRNA vaccine Enteromix: वैक्सीन के ट्रायल में अंश पहले भारतीय मरीज बनेंगे
27 अक्टूबर 2025 को रूसी सरकार ने आधिकारिक पत्र जारी किया। जिसमें Ansh Srivastava के परिवार के अनुरोध को फेडरल लॉ (आर्टिकल 59-एफजेड) के तहत स्वीकार किया गया और इसे स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया। मंत्रालय अंश के केस की समीक्षा करेगा कि क्या उन्हें अगले ट्रायल फेज में ‘कंपैशनेट इनक्लूजन’ दी जा सकती है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पर निर्भर है, जो दुर्लभ है, लेकिन यह कदम परिवार के लिए बड़ी राहत है। यदि मंजूरी मिली, तो अंश भारत के पहले मरीज बनेंगे।




