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Patanjali Case : भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफ़ी, बोले-ऐसी गलती दोबारा नही करेंगे

मार्च 21, 2024 | by

Baba Ramdev and Acharya Balkrishna apologized to the Supreme Court in the misleading advertisement case

Patanjali Case : Baba Ramdev और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक Acharya Balkrishna ने कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों पर  सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगी है। पतंजलि ने कहा कि अदालत के आदेश बाद विज्ञापनों में कुछ ऐसे दावे गलती से लिखे गए थे।

भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजिल ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ऐसी गलित दोबारा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को 2 अप्रैल 2024 को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कंपनी के भ्रामक विज्ञापन मामले में नोटिस भेजा था। अदालत ने दो अप्रैल को रामदेव और बालकृष्ण को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश दिया है। इससे पहले पिछले साल 21 नवंबर 2023 को अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद से कहा था कि वह दवाओं के बिमारियों का स्थाई इलाज करने का दावा करने वाले विज्ञापन रोक दे। इसके अलावा एलोपैथी को खराब बताने वाले विज्ञापन भी रोकने का आदेश दिया था। कोर्ट के मना करने के बाद भी पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए थे।

सुप्रीम कोर्ट की पतंजलि को फटकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के निदेशक आचार्य बालकृष्ण को पहले दिए गए नोटिस का जवाब न देने पर उन्हें फटकार लगाई थी। अदालत ने पूछा था कि आदेश के बाद भी भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए गए, ऐसे में अदालत की अवमानना का केस क्यों न चलाया जाए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की थी पतंजलि की शिकायत

सर्वोच्च अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) की याचिका पर सुनवाई करते हुए पतंजलि को फटकार लगाई थी। शिकायत में बाबा रामदेव पर कोरोनावायरस रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था।

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