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बड़ी खबर: जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल नियुक्त, ली शपथ

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की अधिसूचना के पांच साल बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है।

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की अधिसूचना के पांच साल बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार को समय सीमा के भीतर लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक किया।

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह चयन समिति की बैठक की तारीख दस दिनों के भीतर बताए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने देश के पहले लोकपाल का चयन किया। इस समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ,लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वरिष्ठ अधिवकत मुकुल रोहतगी वाली समिति ने लोकपाल के आठ अन्य सदस्यों के साथ जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल नियुक्त किया। इस समिति में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी नाम था। लेकिन उन्होंने विरोध करते हुए बैठक में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे को “विशेष आमंत्रित” के रूप में आमंत्रित किया गया था।

आज शनिवार को पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष ने भारत के पहले लोकपाल के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ,उपराष्ट्रपति एम वेंकैयाह नायडू और भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई उपस्थित थे।

लोकपाल का काम सार्वजनिक अधिकारीयों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है। लोकपाल नियुक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से देरी हुई है। मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आने के बाद नियुक्ति का निर्णय लिया गया।

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