हाल ही में WFI के चुनाव हुए थे। जिसमें पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का प्रमुख बनाया गया था। इसके बाद सभी रेसलर्स ने विरोध किया था। पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। अब केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद खिलाडियों में एक नई उम्मीद जगी है।
भारतीय कुश्ती महासंघ में काफी लंबे समय से चल रहा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में कुश्ती संघ के चुनाव हुए थे, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को कुश्ती संघ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। कुश्ती महासंघ के मुखिया के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने अनीता सिंह श्योराण को 40-7 से मात दी थी। अब भारतीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। अनीता सिंह एक पूर्व महिला पहलवान हैं। ऐसा माना जा रहा था कि संजय सिंह की जीत के बाद WFI पुरानी बॉडी के कब्जे में ही था।
खेल मंत्रालय का ब्यान
भारतीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित करते हुए अपने ब्यान में कहा,” नई बॉडी में जिन खेल प्रतियोगिताओं का एलान किया गया है ,वो पूर्ण रूप से नियमों के विरुद्ध हुआ है। ऐसे फैसले कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं। जिसके समक्ष अजेंडे को विचार के लिए रखा जाना जरूरी होता है। ”
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केंद्र सरकार ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के संविधान के अनुच्छेद फेडरेशन की सामान्य परिषद और कार्यकारी समिति की मीटिंग बुलाना। ऐसा प्रतीत होता है कि महासचिव EC की उक्त बैठक में शामिल नहीं हुए , जो बिना किसी पूर्व सुचना के आयोजित की गई थी। इतना ही नहीं खेल मंत्रालय ने अपने ब्यान में पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने कहा,”कुश्ती संघ का कारोबार पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण वाले परिसर में चलाया जा रहा है। इसी परिसर में खिलाडियों ने सिंह पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। वर्तमान में अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।
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बता दें, कुश्ती महासंघ पिछले लगभग एक साल से विवादों में है। देश की कई बड़ी महिला पहलवानों ने पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला अदालत में चल रहा है। केस की अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में होगी।