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शीर्ष इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

शीर्ष इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

Megha Engineering & Infrastructure Ltd और एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के अधिकारीयों पर CBI ने  NISP project में 315 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंस्फ्रास्ट्रक्टर लिमिटेड शीर्ष इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार कंपनी है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एनआईएसपी के लिए 350 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के संबंध में भ्रष्टाचार के आरोपों पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंस्फ्रास्ट्रक्टर लिमिटेड, एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट और इस्पात मंत्रालय के आठ अधिकारीयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई की एफआईआर में सूचीबद्ध अपराधों में लोक सेवक को रिश्वत देना और आपराधिक साजिश शामिल है।

शीर्ष इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदार है मेघा इंजीनियरिंग

गौरतलब है, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंस्फ्रास्ट्रक्टर लिमिटेड को हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड के शीर्ष खरीदारों में से एक बताया गया था। इस कंपनी ने भारतीय जनता पार्टी को 584 करोड़ रुपए और भारत राष्ट्र समिति को 195 करोड़ का चुनावी चंदा दिया था। हैदराबाद स्थित कंपनी MEIL पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।

लगभग 314.58 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के लिए जनवरी 2015 में NISP , MEIL कोया एंड कंपनी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालांकि जांच में पता चला कि एनडीएमसी ने वर्ष 2012 में इसी काम को करने के लिए Mecon Ltd को नियुक्त किया था। जांच में यह आरोप लगाया गया कि एनआईएसपी, एनएमडीसी और  मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारीयों ने एमआईईएल  से रिश्वत ली है।

यह मामला तब सामने आया जब एनएमडीसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने अप्रैल 2023 में एनआईएसपी के पूर्व निदेशक प्रशांत दाश और अन्य अधिकारीयों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

140 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड के बाद मिला बड़ा प्रोजेक्ट

MEIL ने अप्रैल 2023 में 140 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा था। जिसके एक महीने बाद इस इस कंपनी को मुंबई में 14,400 करोड़ रुपए की सुरंग परियोजना की मंजूरी मिली थी।

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