मुंबई क्रूज ड्रग मामले में आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान से मांगी गई थी 25 करोड़ की फिरौती, समीर वानखेड़े सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज
Sameer Ransom:2 अक्टूबर 2021 को मुंबई के कॉर्डेलिया क्रूज में एनसीबी की रेड हुई थी। इस रेड में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
Sameer Ransom:शाहरुख खान से मांगी गई थी 25 करोड़ की फिरौती
अब इसी मामले में विजिलेंस की टीम ने अपनी जांच पूरी कर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे वानखेड़े के खिलाफ सबूत सीबीआई को सौंपे हैं। विजिलेंस की टीम ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि उस समय क्रूज पर पकड़े गए संदिग्धों की लिस्ट में 27 नाम थे लेकिन एनसीबी की टीम ने उन्हें घटाकर 10 कर दिया था।
समीर वानखेड़े सुर्ख़ियों में बने हुए हैं
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पिछले कई दिनों से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। वह किसी बहादुरी के लिए नहीं बल्कि अपने काले कारनामों की वजह से सुर्ख़ियों में हैं।
सीबीआई को सौंपे
हाल ही में विजिलेंस की टीम ने वानखेड़े के बारे में बड़ा खुलासा किया है। विजिलेंस की टीम ने 11 मई 2023 को अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी है। विजिलेंस की टीम ने यह जांच 25 अक्टूबर 2021 को शुरू की थी। विजिलेंस ने तत्कालीन एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े, एसपी विश्व विजय सिंह और इंटेलिजेंस अधिकारी आशीष रंजन के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर सीबीआई को सौंपे हैं। जांच एजेंसी ने इन अधिकारीयों के खिलाफ भ्र्ष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला ?
2 अक्टूबर 2021 को मुंबई में कार्डेलिया क्रूज पर एनसीबी की टीम ने छापा मारा था। विजिलेंस की टीम ने अपनी जांच में पाया कि क्रूज पर पकड़े गए संदिग्धों की लिस्ट में शुरुआत में 27 नाम थे। लेकिन बाद में उन्हें घटाकर 10 कर दिया गया। जिसमें से कई को तो बिना कागजी कार्रवाई के छोड़ दिया गया था। अरबाज नाम के शख्स के पास ड्रग मिली थी। लेकिन उसके खिलाफ दस्तावेज नहीं बनाए गए। अरबाज के साथी सिद्धार्थ शाह को भी छोड़ दिया गया था।
जांच में यह भी पाया गया कि संदिग्धों को के वी गोसावी के वाहन से लाया गया था। गोसावी को एनसीबी अधिकारी की तरह दिखाया गया था। इसी के वी गोसावी और उसके साथी डिसूजा ने आर्यन खान को केस मुक्त करने की एवज में शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपए वसूलने की साजिश रची थी। आर्यन खान को ड्रग मामले में फ़साने की धमकी दी गई थी और मामला 18 करोड़ में फाइनल हो गया था।
विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार, समीर वानखेड़े सहित सभी आरोपियों ने अपनी ड्यूटी को दरकिनार कर क्रूज पर पकड़े गए आरोपियों का फायदा उठाने की कोशिश की थी। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने समीर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ भ्र्ष्टाचार का मामला दर्ज कर छापेमारी की थी।
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