पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शुरू की ‘खेला होबे’ योजना,देखें वीडियो
अगस्त 2, 2021 | by
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आप विश्वास करें या ना करें खेला होबे का नारा अब बहुत लोकप्रिय हो गया है। यह नारा अब संसद में भी गूंजने लगा है। खेला होबे कार्यक्रम के दौरान उन्होंने फुटबॉल को ड्रिबल भी किया ।
वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार के दिन कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में “खेला होबे” योजना की शुरुआत की है। इस योजना का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि है हर वर्ष 16 अगस्त को खेला होबे दिवस के रूप में मनाया जाएगा।ममता बनर्जी ने कहा कि अभी खेला कम हुआ है। हर स्टेट में खेला होगा। यह संसद से लेकर राजस्थान दिल्ली गुजरात और देश के सभी हिस्सों में बहुत पॉपुलर हो गया है।
नेताजी इनडोर स्टेडियम में “खेला होबे” योजना की शुरुआत की
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि 16 अगस्त को ईडन गार्डंस में वर्ष 1980 के खेल के दौरान भगदड़ मच गई थी। जिसमें 16 फुटबॉल दर्शकों की मौत हो गई थी। फुटबॉल प्रशंसकों की याद में हर वर्ष खेला होबे दिवस 16 अगस्त को मनाया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि यह दिन, समर्पित करने से खेल भावना को प्रोत्साहन मिलेगा।
#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee dribbling a football during launch of “Khela Hobe” program at Netaji Indoor Stadium,Kolkata. She says, " Believe it or not, "Khela Hobe" has become very popular. The slogan was raised in Parliament too, soon it'll be popular across India." pic.twitter.com/xDZYGtQKAD
— ANI (@ANI) August 2, 2021
इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि कई स्टेडियम का निर्माण, जीर्णोद्धार, मल्टी जिम ,इंडोर स्टेडियम निर्माण किया जाएगा। 500000 रूपये का अनुदान 25,000 क्लबों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा मैंने कम्युनिटी पुलिस प्रोग्राम में हजारों लड़के लड़कियों की मदद की है। राज्य भर में कोचिंग क्लबों की मदद की गई है। आईएफए के अधीन आने वाले 300 क्लबों को फुटबॉल दिया जाएगा।
माओवादी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को नौकरियां दी
खेला होबे कार्यक्रम के मौके पर ममता बनर्जी ने माओवादी हमले में मारे गए लोगों के भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि माओवादियों द्वारा मुख्यधारा में लौटने पर उनमें से 220 को विशेष होमगार्ड के रूप में तैनात किया गया है। अब तक 2000 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है. जिनमें 1300 पूर्व माओवादी और 500 से अधिक ऐसे लोग हैं जिनके परिवार के सदस्य माओवादी हमलों में मारे गए थे।
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