आजादी के एक सप्ताह पूर्व रची गई थी महात्मा गांधी की हत्या की साजिस, नाथूराम गोडसे ने मारी थी गोली
नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बापू की हत्या के लिए इटली निर्मित ऑटोमैटिक पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था। यह एक बेरेटा सीएएल 9 एमएम पिस्टल थी। Is
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की साजिस आजादी मिलने से एक सप्ताह पहले रची गई थी। इस बात का दावा एक नई किताब में किया गया है। जिसको अप्पू अस्थोस सुरेश और प्रियंका कोटमराजु ने लिखा है। किताब का नाम है द मर्डरर, द मोनार्क एन्ड द फकीर : ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ़ महात्मा गांधीज असैसिनेशन। यह किताब गांधी की हत्या और हत्या की साजिस के बारे में प्रकाश डालती है। हत्या के बाद क्या जांच हुई उसके बारे में भी इस किताब में लिखा है।
द मर्डरर, द मोनार्क एन्ड द फकीर : ए न्यू इन्वेस्टिगेशन ऑफ़ महात्मा गांधीज असैसिनेशन के लेखकों ने लिखा ,” हमने किताब नए साक्ष्य पेश किए हैं ,वे इस तरफ इशारा करते हैं कि हत्या की साजिस 1947 में आजादी मिलने से एक सप्ताह पहले रची गई थी। हमारा मानना है कि यह खोज भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण की समकालीन समझ के लिए बहुत अहम है। ”
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बता दें, नाथू राम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बापू की हत्या के लिए इटली में बनी एक स्वचालित पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था। यह एक बेरेटा सीएएल 9 एमएम पिस्टल थी। जिसका पंजीकरण नंबर 719791 था। यह पिस्टल 1934 में बनी थी। इस पिस्तौल की व्यवस्था मध्य प्रदेश के ग्वालियर के डॉ दत्तात्रेय पारचुरे ने की थी। बताया जाता है कि पारचुरे ने ही हिंदू राष्ट्र सेना की स्थापना की थी।