COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी का डीपफेक वीडियो वायरल, पाकिस्तान का प्रोपगैंडा फेल

Army Chief General Upendra Dwivedi का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्हें यह कहते हुए दिखाया गया कि सेना से गैर हिंदुओं की संख्या कम की जाएगी। ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल निकाली है। भारतीय सेना प्रमुख से जुड़े इस डीपफेक वीडियो के बारे में विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी का वीडियो

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा 2028 तक गैर-हिंदू सैनिकों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी की घोषणा करते हुए एक कृत्रिम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI ) द्वारा निर्मित वीडियो ऑनलाइन प्रसारित किया गया। ऑल्ट न्यूज़ के तथ्य-जांचकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के रीवा में टीआरएस कॉलेज में 1 नवंबर को आयोजित एक कार्यक्रम के मूल एएनआई फुटेज का उपयोग करके इसकी पुष्टि की कि यह एक डीपफेक है, जहाँ उन्होंने धार्मिक उल्लेख के बिना जीवन कौशल पर चर्चा की थी।

Army Chief General Upendra Dwivedi का डीपफेक वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें भारतीय सेना के प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Army Chief General Upendra Dwivedi) को यह कहते हुए दिखाया गया है कि भारतीय सेना में गैर-हिंदू सैनिकों की संख्या को 2028 तक आधी कर दिया जाएगा। यह वीडियो बहुत संवेदनशील और विभाजनकारी है। जो सेना की एकता और धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने का प्रयास करता प्रतीत होता है। हालांकि, विश्वसनीय फैक्ट-चेक संस्थाओं द्वारा इसकी गहन जांच के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है।

वीडियो का विवरण : पाकिस्तान का प्रोपगैंडा

लगभग 50 सेकंड का यह वीडियो जनरल द्विवेदी को एक साक्षात्कार या संबोधन के दौरान बोलते हुए दिखाता है। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “सेना में गैर-हिंदू सैनिकों की संख्या को कम करने की योजना है” और “2028 तक इसे 50% तक घटा दिया जाएगा”। कुछ संस्करणों में यह भी जोड़ा गया है कि “सभी गैर-जाति हिंदू सैनिकों को हटाया जा रहा है”। वीडियो को पाकिस्तानी प्रोपगैंडा अकाउंट्स से शुरू करके भारतीय सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाया गया।

फेक न्यूज़ वायरल

यह वीडियो नवंबर 2025 की शुरुआत (लगभग 3-4 नवंबर) से वायरल हो रहा है। X (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर लाखों व्यूज मिल चुके हैं। कुछ पोस्ट्स में इसे “सेना का साफ़नाइजेशन” (saffronization) का सबूत बताया गया, जबकि अन्य में इसे विपक्षी राजनीति से जोड़ा गया। यहाँ सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ बहुत जल्दी वायरल होती हैं।

Army Chief General Upendra Dwivedi: फैक्ट चेकर्स ने बताया मैनिपुलेटेड वीडियो का सच

फैक्ट-चेक संस्थाओं जैसे AltNews, NewsChecker, The Quint, BOOM Live, FactCheck.org और भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB Fact Check) ने इसकी जांच की। निम्नलिखित सबूतों से साबित हुआ कि यह वीडियो AI-जनरेटेड और मैनिपुलेटेड है।

  • ऑडियो विश्लेषण : वीडियो का ऑडियो सिंथेटिक (कृत्रिम) है। इसमें प्राकृतिक विराम (पॉज), स्वर और लय की कमी है। AI डिटेक्शन टूल्स जैसे Deepfake-O-Meter और Hive Moderation ने 90% से अधिक संभावना से इसे फेक घोषित किया।
  • मूल वीडियो की तुलना : वीडियो का विजुअल हिस्सा जनरल द्विवेदी के एक असली इंटरव्यू (जून 2025 का) से लिया गया है। जहां आर्मी चीफ  सेना की भर्ती प्रक्रिया और आधुनिकीकरण पर बात कर रहे थे। लेकिन ऑडियो को पूरी तरह बदल दिया गया है। मूल वीडियो में वे गैर-हिंदू सैनिकों या किसी धार्मिक विभाजन का जिक्र बिल्कुल नहीं करते।
  • तकनीकी सबूत : वीडियो में लिप-सिंक (होंठों की गति और शब्दों का मेल) कृत्रिम लगता है। फोरेंसिक टूल्स से पता चला कि आवाज को AI वॉइस क्लोनिंग टेक्नोलॉजी (जैसे ElevenLabs या Respeecher) से बनाया गया है।
  • पाकिस्तानी प्रोपगैंडा : PIB Fact Check और AltNews के अनुसार, यह वीडियो पाकिस्तानी हैंडल्स (जैसे @PakDefence या समान) से शुरू हुआ, जो भारत-पाक तनाव के बीच सेना की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल हो रहा। इससे पहले भी जनरल द्विवेदी पर इसी तरह के फर्जी वीडियो (जैसे ऑपरेशन सिंदूर में नुकसान का दावा) वायरल हो चुके हैं।
Army Chief General Upendra Dwivedi: भारतीय सेना में धार्मिक विभाजन था उद्देश्य

यह प्रोपगैंडा सेना में धार्मिक विभाजन पैदा करने, अल्पसंख्यक समुदायों में असुरक्षा की भावना जगाने और भारत की सैन्य एकता पर सवाल उठाने का प्रयास है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बिहार चुनावों या भारत-पाक सीमा तनाव के बीच राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करने के लिए बनाया गया।

Army Chief General Upendra Dwivedi: सेना का आधिकारिक ब्यान

भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर इसे खारिज किया है, लेकिन इससे जनता में भ्रम फैल रहा है। भारतीय सेना के आधिकारिक हैंडल (@adgpi) और रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जनरल द्विवेदी ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया। सेना की भर्ती हमेशा योग्यता-आधारित और धर्मनिरपेक्ष रही है। सेना में सभी धर्मों के सैनिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

Army Chief General Upendra Dwivedi: क्या करें

  1. सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट को तुरंत शेयर न करें। हमेशा आधिकारिक स्रोतों (जैसे PIB, MoD वेबसाइट) से सत्यापन करें।
  2. AI डिटेक्शन टूल्स (जैसे Google’s About This Image या InVID Verification) का उपयोग करें।
  3. यदि कोई संदिग्ध वीडियो मिले, तो फैक्ट-चेक साइट्स जैसे AltNews.in या BoomLive.in पर चेक करें।

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