Cloudburst in Kishtwar: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले चशोती क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मची। इस प्राकृतिक आपदा में दर्जनों लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, स्थानीय लोगों के अनुसार 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
Dozens of people died due to Cloudburst in Kishtwar
यह घटना किश्तवाड़ जिले के चशोती क्षेत्र में सुबह के समय घटी। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने किश्तवाड़ जिले के डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार शर्मा से बात करने के बाद बड़े पैमाने पर हताहत होने की आशंका जताई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बादल फटने से 12 से अधिक लोग मारे गए हैं और 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राज्य प्रशासन तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
किश्तवाड़ में बचाव अभियान शुरू
भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, लोकल पुलिस, स्वयं सेवक संगठनों की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। कठिन भूभाग और बारिश के बावजूद बचाव कार्य तेजी से जारी है। अब तक कई लोगों को मलबे से निकाला जा चूका है।
किश्तवाड़ में पहले भी फट चुके हैं बादल
यह पहली बार नहीं है जब किश्तवाड़ जिले में बादल फ़टे हों। इससे पहले अप्रैल 2023 में होंजर डच्चन क्षेत्र में बादल फटने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय 40 से अधिक लोग लापता हो गए थे। उस दौरान भी सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था और दर्जनों लोगों की जान बचाई थी। इसी तरह रामबन जिले में बादल फटने की घटना अप्रैल 2025 को घटी थी। जिसमें तीन लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि हुई थी।
Cloudburst in Kishtwar: किश्तवाड़ में बादल फटने से मारे जाने वालों का आंकड़ा
अभी तक इस घटना में मृतकों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन दर्जनों लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। बादल फटने (Cloudburst in Kishtwar) से 200 अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है। यह संख्या बदल भी सकती है। जम्मू कश्मीर के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने राज्यपाल और डीजीपी से बात करके राहत एवं बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।वहीं, स्थानीय लोगों और भारतीय सेना की मदद से घायलों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है।