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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के वो सपने जो रह गए अधूरे

Dr APJ Abdul Kalam के वो सपने जो रह गए अधूरे 

Dr APJ Abdul Kalam dreams: पूरा देश आज भारत के मिसाइलमैन के नाम मशहूर महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मना रहा है। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। आइए जयंती पर उनके अधूरे सपनों के बारे में जानते हैं, जो कभी पुरे न हो सके।

Dr APJ Abdul Kalam जयंती

Dr APJ Abdul Kalam जिन्हें ‘पीपुल्स प्रेसिडेंट’ और ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है, एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने हमेशा बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी। उनका प्रसिद्ध कथन है: “ड्रीम, ड्रीम, ड्रीम… सपने विचारों में बदल जाते हैं और विचार कार्रवाई में।” लेकिन उनके जीवन में भी कुछ ऐसे सपने थे जो व्यक्तिगत रूप से पूरे न हो सके।

Dr APJ Abdul Kalam unfulfilled dreams

हालांकि, उन्होंने इन असफलताओं को कभी हार न मानने का सबक बनाया। आज, 15 अक्टूबर 2025 को जब हम उनके योगदान को याद करते हैं, आइए उन अनकहे सपनों पर नजर डालें जो अधूरे रह गए। ये सपने न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों को दर्शाते हैं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण की उनकी दूरदृष्टि को भी उजागर करते हैं।

Dr APJ Abdul Kalam का फाइटर पायलट बनने का सपना

Dr APJ Abdul Kalam का बचपन का सबसे बड़ा सपना था भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनना। रामेश्वरम के समुद्र तट पर पक्षियों को उड़ते देखकर उन्हें उड़ान का शौक चढ़ गया था। उन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और वायुसेना की परीक्षा दी, लेकिन 25 उम्मीदवारों में नौवें स्थान पर रहने के कारण चयनित न हो सके। केवल आठ सीटें उपलब्ध थीं। इस असफलता ने उन्हें दुखी किया, लेकिन उन्होंने इसे अवसर में बदल लिया। बाद में राष्ट्रपति बनने पर वे सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर बने और वायुसेना प्रमुख की मदद से उड़ान का प्रशिक्षण लिया, लेकिन मूल सपना—एक फाइटर पायलट के रूप में सेवा करना अधूरा रहा।

Dr APJ Abdul Kalam का विकसित भारत का सपना

Dr APJ Abdul Kalam का सबसे महत्वाकांक्षी सपना था भारत को 2020 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना। उनकी किताब *इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम* में उन्होंने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, विज्ञान-तकनीक और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलावों का खाका खींचा था। वे मानते थे कि युवा शक्ति के कारण भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र बनेगा और वैश्विक पटल पर अग्रणी होगा। लेकिन 2020 आ गया और आज 2025 में भी भारत पूरी तरह विकसित नहीं हो सका। आर्थिक असमानता, शिक्षा की कमी और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां उनके सपने को अधूरा छोड़ गईं। फिर भी उनका यह विजन आज भी प्रेरणा स्रोत है—अमृत कौशल जैसे कार्यक्रम इसी दिशा में कदम हैं।

Dr APJ Abdul Kalam का युवाओं के चेहरों पर मुस्कान लाने का सपना

Dr APJ Abdul Kalam अक्सर कहते थे, “मेरा सपना है कि एक अरब चेहरों पर एक अरब मुस्कानें देखूं।” यह सपना गरीबी उन्मूलन, शिक्षा का प्रसार और समावेशी विकास से जुड़ा था। वे युवाओं को सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे, लेकिन सामाजिक-आर्थिक असमानताओं के कारण यह सपना भी पूरी तरह साकार न हो सका। भारत में अभी भी करोड़ों युवा बेरोजगारी और अवसरों की कमी से जूझ रहे हैं।

जो सोने न दे

Dr APJ Abdul Kalam जी ने कभी असफलता को अंत नहीं माना। पायलट बनने के सपने से चूकने पर उन्होंने खुद कहा था, “मैंने अपना सपना पूरा करने में असफलता पाई, लेकिन इससे मैंने विज्ञान और मिसाइल प्रौद्योगिकी में योगदान दिया।” उनके अनकहे सपने हमें सिखाते हैं कि सपने अधूरे रहें तो भी वे दिशा दिखाते रहते हैं। आज, जब हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं, तो उनके ये सपने हमें प्रेरित करते रहेंगे। अगर आप भी बड़े सपने देखते हैं, तो याद रखें: “सपना वह नहीं जो सोते हुए देखा जाता, बल्कि वह जो सोने न दे।”

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