Minta Devi: मिल गई मिंटा देवी, जिसे ECI ने बना दिया था 124 साल की दादी

Minta Devi:मिंटा देवी का मामला भारतीय राजनीती में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उन्हें वोटर लिस्ट में 124 साल की वृद्ध महिला घोषित किया गया। जबकि उनकी उम्र 35 है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुलासा किया था कि बेंगलुरु के एक ही घर में 49 फर्जी मतदाता पाए गए। अब मिंटा देवी का मामला तूल पकड़ रहा है। दरअसल, मिंटा देवी बिहार के सिवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र की एक 35 वर्षीय महिला हैं। जिनका मतदाता सूचि में नाम तो सही है लेकिन उनकी उम्र 124 वर्ष बताई गई।

Minta Devi कौन हैं ?

मिंटा देवी बिहार के सिवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र के सिसवन प्रखंड के अरजानीपुर गांव की निवासी हैं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 124 साल दर्ज की गई है। जिसे विपक्ष ने चुनाव आयोग की गलती और मतदाता सूचि में फर्जीवाड़े का उदाहरण बनाकर पेश किया। हालांकि बाद यह सामने आया कि मिंटा देवी की उम्र 35 वर्ष है और उनकी उम्र 124 साल दर्ज होना एक डाटा एंट्री त्रुटि थी। मिंटा देवी ने खुद न्यूज़ 24 को बताया कि उनका जन्म 1990 में  हुआ है। महिला ने बताया कि उन्हें हाल ही में मतदाता पहचानपत्र में इस गड़बड़ी की जानकारी मिली है।

मिंटा देवी ने पहले भी मतदाता सूचि में नाम दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन उनका नाम शामिल नहीं हुआ। इस बार साइबर कैफे के जरिए आवेदन करने पर उनका नाम वोटर लिस्ट में आया। लेकिन इस लिस्ट में उनकी उम्र 124 साल थी।

विपक्ष ने संसद भवन के सामने किया विरोध प्रदर्शन

इंडिया ब्लॉक के सांसदों, जिसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी  मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मिंटा देवी की तस्वीर वाली टी शर्ट पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। टी शर्ट के पीछे “124 नॉट आउट” लिखा था। जबकि आगे मिंटा देवी लिखा था। यह प्रदर्शन बिहार में SIR प्रक्रिया के खिलाफ था। जिसे विपक्ष ने “वोट चोरी” और मतदाता सूचि में गड़बड़ी करार दिया।

विपक्ष का आरोप

विपक्ष का कहना है कि मिंटा देवी का मामला वोटर लिस्ट में गंभीर गड़बड़ियों का प्रतीक है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा,” इससे ECI की विफलता का स्तर समझा जा सकता है। राजीव कुमार और ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग बीजेपी का एक विभाग बन गया। उदाहरण के लिए मिंटा देवी फर्स्ट वोटर हैं लेकिन उनकी उम्र 124 साल है।” विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा और  SIR की जांच की मांग की है।

चुनाव आयोग का पक्ष

भारतीय निर्वाचन आयोग ने मिंटा देवी (Minta Devi) मामले को एक तकनीकी त्रुटि बताया है। सिवान के BLO उपेंद्र शाह ने स्वीकार किया कि मिंटा देवी की उम्र ऑनलाइन फॉर्म भरते समय गलत दर्ज हो गई। इस त्रुटि को सुधारने का आश्वासन दिया गया है। आयोग का कहना है कि ऐसी त्रुटियां सामान्य हैं और इन्हे सुधारने की प्रक्रिया मौजूद है।

विवाद का कारण

विपक्ष का दावा है कि Minta Devi का मामला सिर्फ एक उदाहरण है। बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूचि में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। जैसे ग़लत उम्र, गलत नाम , गलत पता और गलत पिता या पति का नाम। एक जांच में यह भी पता चला कि बिहार के बाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र के 5000 से अधिक मतदाताओं के नाम उत्तर प्रदेश की वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। जो दोहरी मतदाता पहचान का उल्लंघन है। विपक्ष का आरोप है कि यह चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की साजिश है।

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