दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद दिल्ली में नई आबकारी योजना जांच के दायरे में आई थी। इस मामले में एलजी वीके सक्सेना ने 11 आबकारी अधिकारीयों को निलंबित भी कर दिया था। अब ईडी ने दिल्ली में शराब बिक्री से जुड़े मामले में गुरुवार को दो निजी कंपनियों के अधिकारीयों को गिरफ्तार करने के बाद बड़ा दावा किया है।
रिश्वत दी गई
ED ने गुरुवार को दावा किया कि दिल्ली में नई शराब बिक्री नीति ( जो खत्म हो गई है ) से जुड़े मामले में 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई है। जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मुख्य आरोपी है। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि मनीष सिसोदिया सहित 30 से अधिक आरोपियों ने डिजिटल सबूतों को नष्ट करने के लिए कथिततौर पर अपने 140 मोबाइल फोन बदले हैं।
सिसोदिया के घर पर छापेमारी
दिल्ली में नई आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया के घर पर कई बार छापेमारी की। सिसोदिया के बैंक लॉकर तक को खंगाला गया। छापेमारी का शिकार हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी की छापेमारी में सीबीआई को उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला। सिसोदिया ने इस आरोप को राजनीती से प्रेरित बताया है।
वहीँ , दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार गुजरात में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले AAP नेताओं को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा की जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
दो अधिकारी गिरफ्तार
जांच एजेंसी ने गुरुवार के दिन निजी कंपनियों के दो अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद दावा किया कि आबकारी नीति में सौ करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई है। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए दो लोगों में शराब कंपनी पेनरोड रिकॉर्ड के जीएम बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी. शरत चंद्र रेड्डी शामिल हैं। उन्हें गुरुवार देर रात हिरासत में लिया गया। जिसके बाद उन्हें दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश करने के बाद 7 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है।
एजेंसी ने कहा कि पी. शरत चंद्र रेड्डी ने रिश्वत देने के लिए सौ करोड़ रुपए एकत्रित किए थे। जो राजनीतिक नेताओं और अधिकारीयों को दिए गए थे।