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लॉकडाउन का प्रभाव: ऑनलाइन काम की वजह से देश में 23 फीसदी लोगो की देखने की क्षमता हुई कमजोर-स्टडी 

जून 17, 2021 | by

Effect of lockdown: Due to online work, 23 percent of the people in the country have poor eyesight- study

स्टडी के मुताबिक लॉकडाउन में ऑनलाइन ऑफिस का काम, ऑनलाइन पढ़ाई, ज्यादा समय टीवी देखना और मोबाइल चलाने आदि के कारण देश के 23 फीसदी लोगो की देखने के क्षमता प्रभावित हुई है।

कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन से ऑनलाइन ऑफिस का काम, ऑनलाइन पढ़ाई, ज्यादातर समय टीवी देखने और मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से भारतीयों की देखने की क्षमता कमजोर हुई है। एक एक स्टडी में कहा गया है कि कम से कम 27.5 करोड़ भारतीयों यानि की लगभग 23 फीसदी आबादी ने ज्यादा स्क्रीन समय होने के कारन उनकी आँखों की रोशनी पर प्रभाव डाला है।

हालाँकि इस स्टडी में ऐसे लोग भी शामिल है जो ग्लोकोमा, मोतियाबिंद या उम्र सबंधी समस्याओ से ग्रस्त हैं। स्टडी के मुताबिक वर्ष 2020 में भारत में प्रति यूजर औसत स्क्रीन समय 6 घंटे 36 मिनट था। जो अन्य देशो के मुकाबले काफी कम रहा। लेकिन फिर भी इसने देश की बड़ी आबादी को प्रभावित किया है।

अन्य देशो जैसे फिलीपींस में प्रति यूजर औसत स्क्रीन समय 10:56 घंटे, ब्राजील में 10:08 घंटे, दक्षिण अफ्रीका में 10:06 घंटे, अमेरिका में 07:11  घंटे और न्यूजीलेंड में 06:39 घंटे रहा है।

स्टडी में बताया गया है कि लोगो का स्क्रीन टाइम ज्यादा होने के के कारणों में लॉकडाउन और सामाजिक दुरी जैसे नियमो ने ज्यादा योगदान दिया है। लॉकडाउन होने के कारण लोग ज्यादातर घरों में ही बंद थे। जिससे उनके स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी हुई है।

यह स्टडी ब्रिटेन के फील गुड कॉन्टैक्ट्स के द्वारा की गई है। इसने लेसेन्ट ग्लोबल हेल्थ, डब्ल्यूअच्ओ और स्क्रीन टाइम ट्रैकर डेटा रिपोर्टल जैसे स्त्रोतों से डेटा एकत्रित किया था।

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