कोरोना से नहीं बल्कि कंगना रनौत से लड़ रही है महाराष्ट्र सरकार:बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस

सरकार को ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में उनकी लड़ाई कोरोना वायरस से नहीं बल्कि कंगना रनौत से है-महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा।

देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र सरकार पर निशाना

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बचाव में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार पर निशाना साधा है।

पूर्व सीम ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा ,” महाराष्ट्र सरकार को ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में उनकी लड़ाई कोरोना से नहीं बल्कि कंगना रनौत से है। मैं उनको कहना चाहूंगा कि जितनी क्षमता कंगना के पीछे लगा रहे हैं ,उसमें से 50 प्रतिशत भी कोरोना के पीछे लगाएंगे तो शायद लोगों की जान बच पाए। ”

मंत्री रामदास अठावले राज्यपाल से मिले

इससे पहले कंगना रनौत के समर्थन में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी अपना पक्ष रखने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिल चुके हैं। अठावले ने एजेंसी को बताया ,” मुंबई में कंगना रनौत के दफ्तर में जो तोड़फोड़ हुआ ,उसी मुद्दे को लेकर मैं आज महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिला। मैंने मांग की है कि इस नुकसान का मुआवजा उन्हें मिलना चाहिए। जिस तरह से बीएमसी ने उनकी संपत्ति को तोडा है ,वह गलत है। कंगना को न्याय मिलना चाहिए। ”

शरद पवार का ब्यान

दूसरी तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कंगना रनौत मामले में कहा ,” राज्य सरकार का इसमें कोई रोल नहीं है। यह निर्णय बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने लिया था। बीएमसी ने अपने नियमों का पालन किया। बीएमसी ने कहा है कि ये महाराष्ट्र सरकार या किसी और का निर्णय नहीं है बल्कि हमारा निर्णय है। ”

कंगना रनौत ने सोनिया गांधी से सवाल किए

कंगना रनौत ने भी अपने ट्विटर हैंडल के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर मामले में चुप्पी साधने पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है। कंगना रनौत ने लिखा ,” आदरणीय सोनिया गांधी जी , एक महिला होने के नाते जिस तरह आपकी महाराष्ट्र सरकार ने मेरे साथ सलूक किया है ,उससे आपको दुःख नहीं हुआ ? क्या आप डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान के सिद्धांतों को कायम रखने के लिए अपनी सरकार से अनुरोध नहीं कर सकतीं ?

एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपने दुस्र्रे ट्वीट में लिखा ,” आप पश्चिम में पली-बड़ी हुई हैं और भारत में रह रही हैं। आपको महिलाओं के संघर्ष की जानकारी होगी। जब आपकी खुद की सरकार महिलाओं का उत्पीड़न कर रही है और कानून व्यवस्था का मजाक उड़ा रही है ,तो इतिहास आपकी चुप्पी पर न्याय करेगा। मुझे उम्मीद है कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करेंगी। “

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