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पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पदम पुरस्कार लेने से किया इनकार, कहा- नहीं चाहिए सम्मान

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर खुद को पदम विभूषण सम्मान दिए जाने के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस सम्मान को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। बुद्धदेव का कहना है कि यह पुरस्कार दिए जाने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि वह बीमार चल रहे थे और उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया गया था। जिन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार किया था। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़ी हस्ती ने पदम सम्मान लेने से इनकार किया है।  इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर खुद को पदम विभूषण सम्मान दिए जाने के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस सम्मान को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। बुद्धदेव का कहना है कि यह पुरस्कार दिए जाने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि वह बीमार चल रहे थे और उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया गया था। जिन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार किया था। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़ी हस्ती ने पदम सम्मान लेने से इनकार किया है।  इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

गीता मेहता ने किया इंकार

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन गीता मेहता ने वर्ष 2019 में पद्म श्री सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। उन्हें सरकार ने शिक्षा और साहित्य में अतुल्य योगदान के लिए सम्मानित करने का फैसला किया था। लेकिन गीता मेहता ने पुरस्कार के समय पर सवाल उठाते हुए इसे लेने से इनकार कर दिया था। गीता मेहता का कहना था कि आम चुनाव से पहले यह सम्मान दिया जा रहा है। ऐसे में इसकी टाइमिंग पर सवाल उठते हैं। इससे सरकार और मेरे लिए ऐसी स्थिति पैदा हुई है जो दुखद है। उनका मानना था कि केंद्र सरकार की ओर से यह पुरस्कार उन्हें इसलिए देने का फैसला किया गया था कि नवीन पटनायक की बी जे डी के समर्थक वर्ग में सेंध लगाई जाए।

पत्रकार वीरेंद्र कपूर और लेखक विजय मोहन ने भी किया इनकार

इमरजेंसी के दौरान जेल में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र कुमार ने वर्ष 2016 में पद्म सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि मैं किसी सरकार के खिलाफ नहीं हूं लेकिन अपने 40 वर्ष के करियर में मैंने सरकार से कुछ भी हासिल नहीं किया। मैं सरकार से कुछ भी हासिल नहीं करने में यकीन रखता हूं। उनके अलावा तमिल लेखक एवं निर्देशक विजय मोहन ने भी साल 2016 में पद्म श्री सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए पुरस्कार न लेने का कारण बताया था। उनका कहना है कि यह सम्मान लेकर समाज में वह खुद को हिंदुत्व के समर्थक के तौर पर नहीं पेश करना चाहता है।

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