ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, ISS में जाने वाले पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट

Group Captain Shubhanshu Shukla भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं। शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने के करीब हैं। उनका ISS के लिए उड़ान भरने के लिए काउंट डाउन शुरू हो चुका है।

Group Captain Shubhanshu Shukla ने रचा इतिहास

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने के कुछ कदम दूर हैं। वे एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन रहे हैं। यह मिशन भारत, नासा, स्पेसएक्स और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के बीच सहयोग का परिणाम है। यदि मिशन सफल रहा तो वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और आई.एस.एस. का दौरा करने वाले पहले भारतीय होंगे।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला जो अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए भरेंगे उड़ान ?

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था उन्होंने अपनी शिक्षा लखनऊ मोंटेसरी स्कूल, अलीगंज स्कूल से पूरी की। 2005 में नेशनल डिफेंस अकडेमी पुणे से कंप्यूटर साइंस में बीएससी की। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की।

शुभांशु शुक्ला का परिवार

शुभांशु शुक्ला की पत्नी कामना मिश्रा दंत चिकित्सक हैं। उनका एक चार वर्षीय पुत्र है। पिता शंभु दयाल मिश्रा सरकारी नौकरी से रिटायर अधिकारी हैं। उनकी माता आशा शुक्ला एक गृहणी हैं। शुक्ला की दो बहनें हैं। उनकी बहन सूचि मिश्रा स्कूल तीसर हैं और दूसरी बहन निधि MBA की डिग्री ले चुकी हैं।

कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर बने एयरफोर्स ऑफिसर

शुभांशु शुक्ला ने 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर एनडीए में प्रवेश किया। इसके बाद उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर की रूप में कमीशन मिला। 2019 में विंग कमांडर और 2024 के ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नति मिली।

उन्हें Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier 228, और An-32 जैसे विमानों को उड़ाने का 2,000 घंटों से अधिक का अनुभव है।

  • उन्हें 2019 में इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) द्वारा चुना गया था।
  • उन्होंने 2019-2021 तक यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर, स्टार सिटी, मॉस्को, रूस में प्रशिक्षण लिया।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का कोलंबस मॉड्यूल और कोलोन, जर्मनी में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रशिक्षण लिया।
शुभांशु शुक्ला के मिशन की शुरुआत

फरवरी 2024 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गगनयान मिशन (2026) के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में घोषित किया गया।अगस्त 2024 में एक्स-4 मिशन के लिए प्राइम पायलट के रूप में चयनित, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप पायलट के रूप में चुने गए।

एक्स-4 मिशन पर पायलट के रूप में सेकेंड-इन-कमांड जिम्मेदारियां, जिसमें प्रक्षेपण, डॉकिंग और वापसी के दौरान अंतरिक्ष यान संचालन में सहायता करना शामिल है।

एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) एक निजी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसे एक्सिओम स्पेस, नासा और स्पेसएक्स द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मिशन के कमांडर: पैगी व्हिटसन (पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री, एक्सिओम अंतरिक्ष कर्मचारी) हैं। इस मिशन के पायलट शुभांशु शुक्ला हैं। मिशन विशेषज्ञ, स्लावोस उज़्नान्स्की-विष्णिव्स्की हैं।

मिशन की अवधि

इस मिशन की अवधि 14 से 21 दिन तक है। जिसमें वैज्ञानिक प्रयोग, पृथ्वी अवलोकन और शैक्षिक आउटरीच गतिविधियाँ शामिल हैं। शुभांशु शुक्ला एक्स-4 मिशन के दौरान 63 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिनमें से 7 भारत केंद्रित प्रयोग हैं। इन प्रयोगों को इसरो और विभिन्न भारतीय शोध संस्थानों द्वारा डिजाइन किया गया है। ये प्रयोग भारत की अंतरिक्ष कृषि, जीवन रक्षक प्रणालियों और वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान देंगे।

मिशन की लॉन्चिंग का समय और स्थान

Axiom Mission की लॉन्चिंग आज दोपहर 1: 12 बजे है। यह मिशन नासा का कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। डॉकिंग लॉन्चिंग के 28 घंटे बाद होने की उम्मीद है। मिशन के 14-21 दिन बाद अमेरिका के प्रशांत तट पर स्पलैशडाउन वापसी होगी।

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