गुरमीत राम रहीम 14वीं बार पैरोल पर जेल से बाहर आए

Gurmeet Ram Rahim 14th: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 40 दिन की पैरोल पर रोहतक की सुनारियां जेल से रिहा किया गया। यह उनकी 14वीं बार अस्थाई रिहाई है।

Gurmeet Ram Rahim 14th time parole

साध्वियों के यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड जैसे गंभीर आरोपों में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हरियाणा प्रशासन ने 14वीं बार पैरोल दी है। उन्हें 40 दिन की पैरोल मिली है। यह उनकी 2017 से सजा शुरू होने के बाद 14वीं बार अस्थाई रिहाई है। इस बार वे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में रहेंगे।

पैरोल का विवरण

मंगलवार 5 अगस्त 2025 को सुबह सात बजे गुरमीत राम रहीम को कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकाला गया। उनके साथ गाड़ियों का काफिला था। इस काफिले को डेरे की चेयरमैन हनीप्रीत लीड कर रही थीं। उन्हे 40 दिन की पैरोल मिली है।

गुरमीत राम रहीम की सजा

गुरमीत राम रहीम को 2017 में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने दो साध्वियों के यौन शोषण के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन्हें पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या का मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी।

गुरमीत राम रहीम की पैरोल या फरलो का इतिहास

उन्हें सजा सुनाए जाने के बाद अब तक 14वीं बार पैरोल या फरलो दी गई है। उन्हें ज्यादातर राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के चुनावों के दौरान रिहा किया गया। उन्हें जनवरी 2024 में 50 दिन, अगस्त में 21 दिन और अक्टूबर में 20 दिन की पैरोल या फरलो दी गई। वे सात साल में 255 दिन से अधिक जेल से बाहर रह चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है।

उनकी पैरोल को लेकर सवाल उठते रहे हैं। आलोचकों का कहना है की बीजेपी उन्हें वोट बैंक के लिए बार बार रिहा करती है।

बिना शर्त

उनकी इस बार की पैरोल में किसी विशेष शर्त का उल्लेख नहीं है। अक्टूबर 2024 में चुनाव आयोग ने शर्त रखी थी कि वे हरियाणा में नहीं रहेंगे और किसी भी चुनावी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे। 2024 में हरियाणा कांग्रेस ने उनकी पैरोल का विरोध करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था।

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