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Harvinder Singh ने पैरालंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास, ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बनें

Harvinder Singh wins Gold Medal: भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह ने Paralympics 2024 के तीरंदाजी इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। टोक्यो ओलंपिक के बाद उन्होंने आर्चरी में मेडल जीता है।

Harvinder Singh ने पैरालंपिक्स में भारत के स्वर्ण पदक जीता

भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह ने 4 सितंबर, बुधवार को पेरिस पैरालंपिक्स में भारत के स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। हरविंदर ने पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन के फाइनल राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए पोलैंड के लुकाज सिसजेक को 6-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता है।

भारत के लिए यह दिन का दूसरा और देश के लिए इवेंट का चौथा गोल्ड मेडल था। इसी के साथ Harvinder Singh पैरालंपिक्स के इतिहास में गोल्ड आर्चरी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए हैं। इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

पेरिस पैरालंपिक्स 2024 की आर्चरी प्रतियोगिता में भारत का यह दूसरा पदक है। इससे पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिक्स्ड कंपाउंड आर्चरी प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

Harvinder Singh ने तीरंदाजी में जीता गोल्ड मेडल

फाइनल में हरविंदर सिंह की शुरुआत अच्छी रही। उन्होंने अपने पहले सेट में 9,10 और 9 का स्कोर किया। जबकि पोलैंड के लुकाज सिसजेक 9,7 और 9 का स्कोर ही कर पाए। अगले सेट में दोनों तीरंदाजों ने पहले दो तीरों से 9 का स्कोर किया। सिसजेक के तीसरे तीर से 9 पॉइंट मिले जबकि हरविंदर ने 10 का स्कोर बनाया और 4-0 से बढ़त बना ली।

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इसके बाद भारतीय तीरंदाज सिंह ने तीसरे सेट में दो तीरों से 10 और एक से 9 के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया । तीसरे सेट में लुकाज 7,2 और 9 का स्कोर ही बना पाए। पैरालंपिक्स तीरंदाजी में हरविंदर सिंह का यह दूसरा पदक है।

कौन हैं तीरंदाज Harvinder Singh ?

हरियाणा के कैथल जिले के अजित नगर गांव के किसान परिवार में पले-बढ़े हुए हरविंदर सिंह डेंगू की बिमारी के कारण मात्र डेढ़ साल की उम्र के बाद  अपने दोनों पैरों पर नहीं चल पाए। डेंगू के इलाज के दुष्प्रभावों के कारण उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। उनमें 2012 में लंदन में हुई पैरालंपिक देखने के बाद तीरंदाजी के लिए जूनून पैदा हुआ। उन्होंने पैरा आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप 2017 में डेब्यू किया। जहां  उन्होंने सातवां स्थान हासिल किया। उन्होंने 2018 में जकार्ता पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

हरविंदर सिंह की पढ़ाई

बात उस समय की है जब 2019 में कोरोनावायरस महामारी के कारण पुरे देश में लॉकडाउन लग गया था, सभी खेल संस्थान बंद हो गए थे। उस समय उनके किसान पिता ने खेत में ही आर्चरी रेंज बना दी थी, जिसमें हरविंदर सिंह ने प्रैक्टिस की। खेल की उपलब्धियों के साथ-साथ हरविंदर सिंह अर्थशास्त्र में पंजाबी पटियाला यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रहे हैं।

भारत का मेडल टेबल

पैरालंपिक्स 2024 में भारत के 22 मेडल हो गए हैं। जिनमें से 4 गोल्ड, 8 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल हैं। पदक तालिका में भारत का 15वां स्थान है।

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