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भारत में कितना सफल होगा डिजिटल रूपी, जानिए इससे जुडी कुछ खास बातें

फ़रवरी 5, 2022 | by

How successful will digital currency be in India, know some special things related to it

बजट सत्र के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई वित्त वर्ष 2022 23 में डिजिटल करेंसी को लांच करेगा। यह भारत सरकार की अधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी,कुछ आर्थिक विशेषज्ञ इसे निजी क्रिप्टोकरंसी की बढ़ती लोकप्रियता के काट के रूप में देख रहे हैं।

डिजिटल करेंसी भी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा। डिजिटल करेंसी को वर्तमान मुद्रा के साथ एक्सचेंज किया जा सकेगा। यह आभासी मुद्रा जरूर है लेकिन इसकी तुलना निजी करेंसी से नहीं की जा सकती है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी की चर्चा लंबे समय से हो रही है। आरबीआई प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी का लगातार विरोध करता रहा हैभारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि यह आर्थिक सिस्टम और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकता है।

आइए जानते हैं कि डिजिटल रूपी की अच्छी और बुरी बातें क्या हो सकती हैं।

आरबीआई का डिजिटल रूपी कानूनी मुद्रा होगी। इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से कानूनी मान्यता मिली होगी  यह रुपए का डिजिटल रूप होगा  इसे किसी भी किसी भी मुद्रा के साथ एक्सचेंज किया जा सकता है। भारत में क्रिप्टोकरंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी की दिशा में काम कर रहे हैं। वर्ष 2021 में एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स ने पाया कि दुनिया के 86 फीसदी सेंट्रल बैंक सीबीडीसी की दिशा में काम कर रहे हैं। 60 फ़ीसदी बैंक डिजिटल करेंसी की तकनीक के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। वहीं 14 फ़ीसदी बैंक पायलट प्रोजेक्ट तक पहुंच चुके हैं

मिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर डिजिटल रूपी से पेमेंट किया जाता है तो यह फाइनल सेटेलमेंट की तरह होगा। इसमें सेटलमेंट रिस्क शामिल नहीं होता है  दूसरे शब्दों में कहें तो आप कोई सर्विस चार्ज या गुड्स खरीदते हैं और कैश पेमेंट करते हैं  यह पेमेंट का फाइनल रूप डिजिटल रूपी लॉन्च होने के बाद कैश की जगह डिजिटल रुपी से पेमेंट किया जा सकेगा। यह भी पूरी तरह फाइनल पेमेंट माना जाएगा।

दूसरे देशों में भी कर सकेंगे पेमेंट

डिजिटल रुपी लॉन्च होने के बाद भारत में बैठे व्यापारी अमेरिका और यूरोप के व्यापारियों को डिजिटल अकाउंट में पेमेंट कर सकता है। यह रियल टाइम पेमेंट होगा और ऐसे ट्रांजैक्शन में किसी इंटरमीडियरी की जरूरत नहीं होगी।

निर्मला सीतारमण का बयान 

बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रूपी को लांच करेगा  दिसंबर के महीने में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि यह चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा उन्होंने कहा था कि आरबीआई का सीबीडीसी अंतिम चरण में होगा। शुरुआत में इसे होलसेल ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा बाद में रिटेल सेगमेंट के लिए शुरू किया जाएगा।

डिजिटल करेंसी को लेकर क्या खतरा है।

डिजिटल मुद्रा के सामने सबसे बड़ी चुनौती टेक्नोलॉजी है। टेक्नोलॉजी के कारण फ्रॉड और घोटाले के मामले बढ़ सकते हैं। खुद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास कई मौकों पर कह चुके हैं कि डिजिटल करेंसी के साथ फ्रॉड सबसे बड़ी समस्या है इसके अलावा करंसी के इस्तेमाल के लिए पूरे देश में इंटरनेट की स्पीड जरूरी है । जहां हाई स्पीड इंटरनेट नही है वहां पेमेंट नहीं की जा सकती है । अगर किसी देश में टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट कम है तो वहां सीबीडीसी की उपयोगिता काफी कम हो जाएगीआरबीआई को इस बात की चिंता है।

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