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छात्रवृत्ति चाहिए तो आधार को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़ना जरूरी

अप्रैल 7, 2022 | by

If you want scholarship, it is necessary to link Aadhaar with caste and income certificate.

यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ बातचीत के बाद लिया गया है। जहां अनुसूचित जाति के छात्रों को दसवीं के बाद की स्कॉलरशिप को डिजिटल करने के सुझाव दिए गए।

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के सही लाभार्थियों तक साठ लाख मेधावी छात्रवृत्ति पहुंचाने का काम कर रही है तो इसके लिए आधार कार्ड को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़कर स्वचालित वेरिफिकेशन सिस्टम तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से यह पहल महाराष्ट्र , राजस्थान , कर्नाटक , आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू की जाएगी। इन राज्यों ने पहले ही लिंकिंग का काम पूरा कर लिया है।

पीएम नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ बैठक के बाद लिया गया यह फैसला

एक अधिकारी के अनुसार यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ बैठक के बाद उठाया गया है। जहां अनुसूचित जाति के छात्रों को दसवीं के बाद की छात्रवृत्ति को पूरी तरह से डिजिटल करने के सुझाव दिए गए थे । इसके लिए आधार कार्ड को जाति प्रमाण पत्र से लिंक करना जरूरी बताया गया है। इस सुझाव को स्वीकार कर लिया गया है और चालू वित्त वर्ष में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा।

ज्यादातर छात्रों को नहीं है जानकारी

फिलहाल लाभार्थियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें सरकार से 10वीं पास से पहले या बाद में स्कॉलरशिप मिल रही है या नहीं।  सामाजिक न्याय मंत्रालय ने देखा कि एक बैंक खाते से 10-12 छात्र लाभार्थी सलंगन है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा इससे पता चलता है कि संस्थान द्वारा बैंक खाते का रखरखाव किया जाता है और छात्रों को सीधे राशि का वितरण नहीं किया जाता है। इसका मतलब यह भी है कि उन्हें केंद्रीय योजना का लाभ मिल रहा है लेकिन वह इस लाभ से अनभिज्ञ हैं।

आधार कार्ड को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़ने के बाद प्रत्येक लाभार्थी को केंद्रीय प्रणाली में शामिल किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का श्रेय सरकारी योजनाओं की सफलताओं को देते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया है।

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